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बिहार : अजीबोगरीब नाम वाले ये अपराधी, चूहवा, बिलइया, मुर्गिया, कभी शहर में थे इनके आतंक, कुछ का हो चुका मर्डर तो…

पटना : इंसान जब पैदा होता है, तो सबसे पहले उसकी पहचान तय की जाती है. उनके नाम रखे जाते हैं और कुछ निकनेम भी दिये जाते है. बच्चे के बड़े होने पर उसके हाव-भाव को देखते हुए कई बार उनके नाम भी बदल जाते है. नाम रखने की यह प्रक्रिया अपराध जगत में भी […]

पटना : इंसान जब पैदा होता है, तो सबसे पहले उसकी पहचान तय की जाती है. उनके नाम रखे जाते हैं और कुछ निकनेम भी दिये जाते है. बच्चे के बड़े होने पर उसके हाव-भाव को देखते हुए कई बार उनके नाम भी बदल जाते है. नाम रखने की यह प्रक्रिया अपराध जगत में भी अपनायी जाती रही है.
नाम भी ऐसे कि आपको सुन कर हंसी आ जाये. हालांकि दहशत एेसी कि आम लोगों के साथ पुलिस भी थर्राते थे. आज भी अपराध की दुनिया में ऐसे कई नाम जिंदा हैं, जो कभी पटना में राज किया रहते थे. इनके अजीबो-गरीब नाम थे. जिनका सिक्का इलाके में चलता था और डर से रंगदारी भी देते थे.
अजीबोगरीब नाम वाले ये अपराधी कुछ जेल में तो कुछ का हो चुका है मर्डर, कुछ गुमनामी के अंधेरे में
बच्चे के बड़े होने पर उसके हाव-भाव को देखते हुए कई बार उनके नाम भी बदल जाते हैं.
इलाके में थी दहशत, ऐसे पड़ा नाम
-कदमकुआं इलाके के चूहवा का नाम गिरोह के लोगों ने इसलिए रख दिया, क्योंकि वह घटना को अंजाम देने के बाद कहां चला जाता था, इसकी जानकारी गिरोह के सदस्यों को भी नहीं होती थी. गिरोह के लोग उसके वापस आने पर यह पूछते थे कि कौन से बिल में छूपा था. इसके बाद उसका नाम चूहवा रख दिया गया.
-बिलइया का नाम बिल्ली के तरह काम करने के अंदाज के कारण पड़ा. यह चुपके से जा कर किसी भी आपराधिक वारदात को अंजाम देता और फिर कुछ दिन के लिए पटना शहर ही छोड़ देता था.
-बैगनियां हमेशा ब्लू रंग की शर्ट ही पसंद करता था.
-बुद्धा कॉलोनी का लोथा बहुत ही आलसी था. जिसके कारण उसका यह नाम पड़ा.
-बाकरगंज का चिरैयां आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद भागने में एक्सपर्ट था. जिसके कारण उसका नाम चिरैंया रख दिया गया.
-पटना सिटी का लूल्ला का एक पैर अस्वस्थ था, जिसके कारण उसे लूल्ला कहते थे.
-हापट बिना कुछ सोचे-समझे ही किसी से झगड़ा कर लेता था और फायरिंग कर देता था. उसे लोग आधा दिमाग यानी हापट कहते थे.
-थ्री फिफ्टीन गर्दनीबाग इलाके का अपराधी था और यह हमेशा थ्री फिफ्टीन का इस्तेमाल करता था.
कहां है कौन अपराधी, कोई नहीं जानता है
बैगनियां, चूहवा, बिलइया, लोथा, चिरैंया, थी फिफ्टीन, रंगा-बिल्ला, सुल्तान, शेराफिल, पेंटर, सेट्ठी, छोटका मक्खन, विकटिया, लंगड़ा, सुख्खु, मुर्गिया, लूल्ला, पगलवा, कनबुचवा, हाफ्ट, काला कौआ व बिंदु आदि अजीबोगरीब नाम वाले अपराधी पटना में अपराध की दुनिया में नाम कमा चुके हैं. ये अपराधी पटना के विभिन्न इलाके के है.
बैगनियां, चूहवा, बिलइया, चिरैयां व सुल्तान कदमकुआं व पीरबहोर इलाके के है. इसमें सुल्तान की हत्या हो चुकी है और बिलइया व चूहवा जेल में है. बैगनियां और चिरैंया कहां है, कोई नहीं जानता है. लोथा बुद्धा कॉलोनी का था. उसकी भी मृत्यु हो चुकी है. शेराफिल दीघा इलाके में चर्चित था. यह कहां है, किसी को नहीं पता है.
छोटका मक्खन दीघा व दानापुर इलाके का कुख्यात नाम था. जिसकी हत्या हो चुकी है. विकटिया, लंगड़ा, सुख्खु, मुर्गिया, लूल्ला, पगलवा, कनबुचवा, हाफट, काला कौआ पटना सिटी इलाके के अपराधी है. विकटिया का हाल में मर्डर हो गया और लंगड़ा व सुख्खु अभी जेल में है. मुर्गिया भी गुमनामी के अंधेरे में चला गया है. बिंदु कंकड़बाग का अपराधी है और फिलहाल जेल में बंद है.इन अपराधियों को यह नाम पुलिस वालों ने या गैंग के लोगों ने ही दिये है.
पुलिस एफआईआर में भी उनके वास्तविक नाम के साथ निकनेम को भी अंकित करती थी, ताकि उनकी पहचान हो सके. इन अपराधियों के असली नाम किसी को पता नहीं होता था, लेकिन निकनेम बोलने पर इलाके के सभी लोग पहचान लेते थे. है. हालांकि इनमें से कई लोग अब शराफत की जिंदगी गुजर बसर कर रहे है या जेल में है या फिर उनकी हत्या हो चुकी है. लेकिन उनकी अापराधिक पहचान नाम के साथ आज भी जिंदा है.

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