बिहार के 5059 पंचायतों में खुलेंगे मिडिल स्कूल, शिक्षकों की डिमांड बढ़ने के साथ होगी बंपर बहाली, जानें

पटना:बिहार में उन बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है, जो शिक्षा में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं.मध्यविद्यालय में शिक्षक बनने का सपना देखने वालों के लिए एक बड़ी खबर है. बिहार सरकार बहुत जल्द बिहार के पांच हजार से ज्यादा पंचायतों में मध्यविद्यालयखोलने जा रही है. पहले से शिक्षकों की कमी झेल रहे बिहार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2018 9:11 AM

पटना:बिहार में उन बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है, जो शिक्षा में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं.मध्यविद्यालय में शिक्षक बनने का सपना देखने वालों के लिए एक बड़ी खबर है. बिहार सरकार बहुत जल्द बिहार के पांच हजार से ज्यादा पंचायतों में मध्यविद्यालयखोलने जा रही है. पहले से शिक्षकों की कमी झेल रहे बिहार को इन नये विद्यालयों के लिए भारी संख्या में योग्य शिक्षकों की जरूरत होगी. इसके लिए सरकार योग्य अभ्यर्थियों की तलाश कर उन्हें बहाल करेगी.

बिहार सरकार ने शनिवारको कहा कि राज्य में प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक प्राथमिक विद्यालय, तीन किलोमीटर पर एक मध्य विद्यालय और प्रत्येक पांच किलोमीटर की दूरी पर एक माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने में सफल होने के बाद अब उसका लक्ष्य प्रत्येक पंचायत में एक माध्यमिक विद्यालय खोलने का है. राज्य विधानसभा में पेश 2018-19 के लिए शिक्षा विभाग के वास्ते 32125.63 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य में प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक प्राथमिक विद्यालय, तीन किलोमीटर पर एक मध्य विद्यालय और प्रत्येक पांच किलोमीटर की दूरी पर एक माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने में सफल होने के बाद अब उसका लक्ष्य प्रत्येक पंचायत में एक माध्यमिक विद्यालय खोलने का है.

उन्होंने कहा कि बिहार की कुल 8391 पंचायतों में से 5059 पंचायत में मध्य विद्यालय और 2200 में माध्यमिक विद्यालय स्थापित होने के साथ ही अब हमने प्रत्येक पंचायत में एक-एक माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट राजद विधायक उनके जवाब के बीच में ही सदन से बहिर्गमन कर गए और बाद में कांग्रेस सदस्य भी असंतोष प्रकट करते हुए सदन से बाहर चले गए.

कुमार ने बताया कि एक माध्यमिक विद्यालय की स्थापना के लिए निर्धारित एक एकड़ की भूमि की उपलब्धता के मापदंड को भी अब घटाकर 0.75 एकड़ तक कम कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के शिक्षकों को नियमित तौर पर भुगतान के बारे में मंत्री ने कहा कि इसके लिए आवश्यक राशि निर्गत कर दी गयी है और उन्होंने यह आश्चासन दिया कि भविष्य में नियत समय पर भुगतान के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं.

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