पटना : पटना में आज निषाद विकास संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी के आह्वान पर हजारों की संख्या में निषाद समाज के लोगों ने आरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई का एलान किया. इस दौरान निषाद विकास संघ के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर धरना देने के लिए बढ़ रहे थे, मगर प्रदर्शनकारियों को प्रशासन ने गांधी मैदान स्थित कारगिल चौक पर ही दिया.
बाद में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जाकर ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा और कहा कि जिले के कोने-कोने से हजारों निषादों ने आरक्षण के लिए एक साथ महाधरना प्रदर्शन में भाग लिया. प्रदेश केराजनीतिक इतिहास में आरक्षण के लिए किसी एक समुदाय द्वारा यह सबसे बड़ा धरना-प्रदर्शन था. इसलिए सरकार अब निषाद समाज की आवाज को दबा नहीं सकती. अब रविवार को 11 मार्च को मुजफ्फरपुर में करीब 20 हजार बाइक के साथ एक महारैली निकालकर सन ऑफ मल्लाह अपनी ताकत का एहसास करवायेंगे.
बता दें कि निषाद विकास संघ के इस राज्यव्यापी महाधरना कार्यक्रम में खुद संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी सहरसा, मधेपुरा तथा सुपौल में धरने में शामिल हुए और उनकी पत्नी मुंबई से दरभंगा आकर महाधरना में शामिल हुईं. सन ऑफ मल्लाह का कहना है कि पश्चिम बंगाल तथा दिल्ली जैसे राज्यों में निषाद समाज को आरक्षण प्राप्त है. अगर हमारा देश एक है तथा देश में सबके लिए एक संविधान तथा एक टैक्स है तो बिहार में निषादों को आरक्षण क्यों नहीं ? अगर किसी कारणवश 2018 की छमाही तक निषाद समाज को आरक्षण नहीं मिलता है तो अक्टूबर में पटना के गांधी मैदान में विशाल जनसभा कर संगठन के द्वारा पार्टी के नाम की घोषणा की जायेगी.
साथ ही अगले लोकसभा चुनाव में बिहार में सभी 40 सीटों पर अपनी पार्टी के बैनर तले उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा जायेगा. सन ऑफ मल्लाह का कहना है कि कई राजनीतिक दल उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण पद देने का वादा कर रहे हैं, मगर वे किसी भी तरीके का समझौता नहीं करेंगे. वे हर हाल में बिहार में निषाद समाज के लिए नंबर एक की कुर्सी चाहते हैं.
इससे पहले विगत 4 फरवरी को सन ऑफ मल्लाह ने पटना के एसके मेमोरियल से आरक्षण के लिए बिहार के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एकसाथ महाधरना प्रदर्शन का ऐलान किया था. सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी निषाद विकास संघ के बैनर तले निषादों के आरक्षण की मांग विगत तीन वर्षों से कर रहे हैं. विगत विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा निषादों को आरक्षण देने के वादे के पश्चात सन ऑफ मल्लाह ने चुनाव में बीजेपी का साथ दिया था. मगर ढाई साल से अधिक समय हो जाने के बाद भी राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा निषाद आरक्षण को लेकर कार्य नहीं किया जा रहा. ऐसे में सन ऑफ मल्लाह के नेतृत्व में बिहार के निषादों में सरकार के खिलाफ भयंकर आक्रोश व्याप्त है.
ज्ञात हो कि सन ऑफ मल्लाह निषादों को आरक्षण दिलाने के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं. सन ऑफ मल्लाह का कहना है कि निषाद आरक्षण के लिए जरूरी एथ्नोग्रफिक रिपोर्ट राज्य सरकार जल्द-से-जल्द केंद्र को भेजे. इससे पहले सितंबर 2015 में सन ऑफ मल्लाह के नेतृत्व में बिहार के लाखों निषादों ने आरक्षण के लिए प्रदर्शन किया था. फलस्वरूप महज 12 घंटों के अंदर ही बिहार कैबिनेट ने राज्य में निषादों को आरक्षण देने की अनुशंसा कर दी थी. मगर उसके बाद राज्य सरकार इसके प्रति उदासीन हो गयी.
शनिवार के महाधरना प्रदर्शन के बाद राज्य तथा केंद्र सरकार सन ऑफ मल्लाह के नेतृत्व में निषादों के ताकत से भलीभांति अवगत हो गयी है. निषाद आरक्षण के लिए सन ऑफ मल्लाह का आंदोलन पूरे शबाब पर है. इस महाधरना प्रदर्शन के बाद इसकी पूरी संभावना है कि अतिशीघ्र राज्य सरकार प्रदेश में निषाद आरक्षण के लिए माकूल कदम उठायेगी.