सोनिया गांधी ने डिनर में शामिल होंगे तेजस्वी-मांझी, बिहार में गरमायी सियासत
पटना : कांग्रेसकीपूर्वराष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 13 मार्च को विपक्षी पार्टियों के लिए डिनर का आयोजन किया है. इसमें राजदसुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र और बिहार के पूर्वडिप्टी सीएम तेजस्वी यादवएवंपूर्वमुख्यमंत्री व हिंदुस्तान अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल होंगे. हमप्रवक्ता दानिश रिजवानने जानकारी देते हुए बताया कि सोनिया गांधी ने […]
पटना : कांग्रेसकीपूर्वराष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 13 मार्च को विपक्षी पार्टियों के लिए डिनर का आयोजन किया है. इसमें राजदसुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र और बिहार के पूर्वडिप्टी सीएम तेजस्वी यादवएवंपूर्वमुख्यमंत्री व हिंदुस्तान अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल होंगे. हमप्रवक्ता दानिश रिजवानने जानकारी देते हुए बताया कि सोनिया गांधी ने जीतन राम मांझी को बुलाया डिनर पर है. उन्होंने बताया, जीतन राम मांझी को अहमद पटेल ने फोन पर आमंत्रण दिया है. जिसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गयी है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि सोनिया गांधी गिरती हुए शाख को बचाने की कोशिश में लगीं हैं. वे लालू से मिलने जेल भी जा सकती है, लेकिन शाख उसी की बचेगी जिसको जनता चाहेगी. दरअसल, पूर्वोत्तर के चुनावी नतीजों के बाद लोकसभा चुनाव के पूर्व संपूर्ण विपक्ष में नयी ऊर्जा भरने की कवायद के तहत कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 13 मार्च को राजग विरोधी दलों के प्रमुख नेताओं को डिनर पर बुलाया है. जिसमें विशेष तौर पर बिहार से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एवं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को आमंत्रित किया गया है.
इसलिए भी अहम है यह सियासी डिनर
बिहार की सियासत के नजरिये सेइस डिनरको इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि महागठबंधन से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलग होने के बाद विपक्ष के रूप में बिहार में राजद-कांग्रेस की भूमिका बढ़ गयी है.इनसबके बीच प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है. वहीं बिहार में तीन सीटों परहोने वाले उपचुनाव की प्रक्रिया अंतिम दौर में है और राज्यसभा की छह सीटों पर दोनों दलों की सहभागिता मायने रखेगी. इन तमाम परिस्थितियों के बीच राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादवफिलहाल जेल में हैं. तेजस्वी यादव ही उनकी विरासत को संभाल रहे हैं. एेसे में उनको समर्थन देने के लिए जीतन राम मांझी ने एनडीए को झटका देते हुए महागठबंधन का दामन थाम लिया है. जिसके बाद महगठबंधन में उनकी भूमिका भी बढ़ गयी है.