पटना : बिहार प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाये जाने के बाद हाल में जदयू का दामन थाम चुके पूर्व मंत्री अशोक कुमार चौधरी लगातार बड़े-बड़े दावे और खुलासे कर रहे हैं. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की मानें, तो अशोक चौधरी लगातार पार्टी को डैमेज कर रहे हैं और वर्तमान कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी अशोक के हमले को झेलने में नाकाम साबित हो रहे हैं. अशोक चौधरी ने दावा किया है कि अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया, तो इस दल के लिएदुर्भाग्यपूर्ण होगा. एक संवाददाता सम्मेलन में रविवार को बिहार विधान परिषद सदस्य दिलीप कुमार चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर के साथ संवाददाता सम्मेलन में चौधरी ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया तो इस दल के लिए ठीकनहीं होगा.
यह पूछे जाने पर क्या ऐसा किये जाने पर बिहार प्रदेश कांग्रेस में और भी टूट होगी, अशोक ने कहा कि कल :राज्यसभा सीट के लिए नामांकन का अंतिम तारीख: तक का इंतजार कीजिए. जदयू के अनिल कुमार, वशिष्ठ नारायण सिंह एवं महेंद्र प्रसाद, भाजपा के धमेंद्र प्रधान एवं रविशंकर प्रसाद का कार्यकाल आगामी 2 अप्रैल को पूरा होने तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर जदयू के अली अनवर की सदस्यता समाप्त किये जाने से राज्यसभा की रिक्त होने वाली बिहार से छह सीटों पर आगामी 23 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव होना है. केंद्र की संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान राजद कोटे से मंत्री रहे अखिलेश प्रसाद सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा पर कांग्रेस पार्टी में नाराजगी की वजह पूछे जाने पर बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक ने दावा किया पार्टी का रैंक और फाईल चाहे वह विधायक या पार्टी का कैडर हो, अखिलेश को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस राजद की पूरी तरह से बी टीम बन गयी है. अशोक ने आरोप लगाया कि राजद छोड़ कांग्रेस में शामिल होने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने जिन विधायकों को पार्टी टिकट मिलने पर अडंगा लगाया था. उन्हें पार्टी द्वारा उम्मीदवार बनाने जाने पर बिहार प्रदेश कांग्रेस के भीतर रोष उत्पन्न होगा. यह पूछे जाने पर कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और राजीव शुक्ला के नाम पर भी बिहार प्रदेश कांग्रेस के बीच मतभेद हो सकते हैं, चौधरी ने कहा कि उनकी समझ ने इन लोगों के नामों पर इस दल के बीच कोई आपत्ति नहीं जताएगा. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान में राजद के 79, जदयू के 70, भाजपा के 52, कांग्रेस के 27, भाकपा माले के तीन, लोजपा एवं रालोसपा के दो—दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के एक तथा चार निर्दलीय विधायक हैं.
चौधरी ने राज्यसभा में 7वीं सीट की मांग पर कहा कि भविष्य में बहुत कुछ छिपा हुआ है. सोमवार को 3 बजे तक इंतजार कीजिए सब कुछ सामने आ जायेगा. अखिलेश सिंह को राज्यसभा भेजने से कांग्रेस की स्थिति और बुरी होगी. अशोक चौधरी ने भभुआ उप चुनाव को लेकर कौकब कादरी के आरोप के बारे में कहा कि कमजोर उम्मीदवार देने के बाद ऐसा ही होता है. हार के डर से ये बहाने किए जा रहे हैं. उपचुनावों में एनडीए की जीत पक्की है. भभुआ और जहानाबाद में एनडीए की जीत पक्की हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जनता नीतीश के कार्यों पर मुहर लगायेगी और एनडीए जरूर जीतेगी.
इसी क्रम में बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी जदयू में शामिल होते ही लगातार अपनी उपस्थिति को बेहतर बताने के लिए कांग्रेस के कई नेताओं को जदयू में शामिल करा चुके हैं. बहुत जल्द अशोक चौधरी शक्ति प्रदर्शन के लिए 20 मार्च को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में समृद्ध बिहार विकासशील बिहार कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. अशोक चौधरी लगातार कांग्रेस के मजबूत स्थानीय नेताओं को तोड़ने में लगे हुए हैं. वह पूरी तरह कांग्रेस पार्टी को तोड़कर जदयू की स्थिति मजबूत कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अंदरखाने से भी अशोक चौधरी को सपोर्ट मिल रहा है.
यह भी पढ़ें-
लालू का बिहार की सियासत में नया गेम प्लॉन, राज्यसभा चुनाव में चला MB कार्ड, जानें क्या होगा असर