पटना : राज्य के सभी पंचायत स्तर प्रतिनिधियों को समय पर भत्ता नहीं मिलता है. वर्तमान में उनका यह बकाया वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 से लगातार जारी है. राजेश राम ने विधान परिषद में तारांकित प्रश्न के जरिये मामले को उठाया. जवाब में वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस मामले पर सरकार पूरी तरह से गंभीर है. पंचायत प्रतिनिधियों के बकाये भत्ते का भुगतान समय पर क्यों नहीं हो पा रहा है, इस मामले की गहन समीक्षा विभागीय स्तर पर की जा रही है. इसके बाद ही इसका सही कारण सामने आ पायेगा. उन्होंने कहा कि आगामी तीन महीने में सभी जन प्रतिनिधियों का अब तक के सभी बकाये भत्ता का भुगतान कर दिया जायेगा. इसके बाद भुगतान की यह व्यवस्था पूरी तरह से नियमित हो जायेगी. सरकार की यह पूरजोर कोशिश होगी कि उन्हें हर बार समय पर भत्ता मिल जाये.
5.61 लाख आवास के लक्ष्य में 1.13 लाख ही स्वीकृत
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने राधाचरण साह के तारांकित प्रश्न के जवाब में कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांच लाख 38,959 का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 1,13,667 आवास स्वीकृत हुए हैं. इसमें 50,700 को पहली किस्त और 1324 को दूसरी किस्त जारी की गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में महज 22 आवास ही पूर्ण हुए हैं. आवास का निर्माण कार्य तेज करने के लिए प्रखंड और जिला स्तर पर आवास सहायक बहाल किये गये हैं. इस पर रजनीश कुमार ने कहा कि पहली और दूसरी किस्त के बीच लाभुकों की संख्या में काफी अंतर है. अन्य सदस्यों ने कहा कि जब से सहायक बहाल हुए हैं, तब से गड़बड़ी बढ़ गयी है. बीडीओ के साथ मिलकर ये लोग बड़े स्तर पर दलाली करते हैं. इस पर मंत्री ने कहा कि आवास की समुचित मॉनीटरिंग के लिए व्यवस्था थोड़ी जटिल की गयी है. यह देखने को मिलता है कि पहली किस्त लेने के बाद लोग दूसरे काम में इसे खर्च कर देते हैं. इसे रोकने के लिए डीडीसी के स्तर पर मॉनीटरिंग व्यवस्था तैयार की गयी है. राज्य में आवासविहीन लोगों की संख्या पांच लाख 61 हजार है, इनमें तीन लाख 62 हजार अभी प्रतीक्षा सूची में हैं. हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित करके इन्हें आवास देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है.