पटना : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से सियासी गठजोड़ करने के लिए दिल्ली में सोनिया के नेतृत्व में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक को लेकर बिहार विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. तेजस्वी के दिल्ली पहुंचने और बैठक में शामिल होने को लेकर राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि इस बैठक के बाद एनडीए का नामोनिशान मिट जायेगा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी अपनी बात बहुत ही जोरदार तरीके से रख पायेंगे. तेजस्वी एक दमदार नेता हैं. इस बैठक में शामिल होने के लिए जीतन राम मांझी भी शामिल होने गये हैं.
वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ और सबका विकास की बात जनता समझती है और पूरा देश मोदी-मोदी कर रहा है. इस बैठक से कुछ भी होने जाने वाला नहीं है. इससे पूर्व विधानसभा में राजद के एक सवाल पर नंदकिशोर यादव भड़क गये और कहा कि मेरे विभाग में भ्रष्टाचार का एक भी मुद्दा आया तो कार्रवाई होगी.
बिहार की सियासत के नजरिये से इस डिनर को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि महागठबंधन से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलग होने के बाद विपक्ष के रूप में बिहार में राजद-कांग्रेस की भूमिका बढ़ गयी है. इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है. वहीं बिहार में तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव की प्रक्रिया अंतिम दौर में है और राज्यसभा की छह सीटों पर दोनों दलों की सहभागिता मायने रखेगी. इन तमाम परिस्थितियों के बीच राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव फिलहाल जेल में हैं. तेजस्वी यादव ही उनकी विरासत को संभाल रहे हैं. एेसे में उनको समर्थन देने के लिए जीतन राम मांझी ने एनडीए को झटका देते हुए महागठबंधन का दामन थाम लिया है. जिसके बाद महगठबंधन में उनकी भूमिका भी बढ़ गयी है.
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