पटना : बिहार के अररिया उपचुनाव में राजद उम्मीदवार सरफराज आलम की जीत के जश्न में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने का वीडियो वायरल हुआ. उसके बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गयी. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन तेजस्वी यादव ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सुशील मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. तेजस्वी ने राजद के नवनिर्वाचित सांसद सरफराज आलम को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. तेजस्वी ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि आपकी जानकारी के लिए बता दूं, अररिया के विजयी सांसद सरफराज आलम 25 दिन पहले नीतीश कुमार और सुशील मोदी की एनडीए के विधायक थे. बाकी आप समझदार है. इनको दर्द यह है कि हमारे होते बिहार में अमन,शांति,भाईचारा और सद्भाव कैसे और क्यों है? इन्हें यही पीड़ा है.
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ अररिया के विजयी सांसद सरफ़राज़ आलम 25 दिन पहले नीतीश कुमार और सुशील मोदी की NDA के विधायक थे।
बाक़ी आप समझदार है। इनको दर्द यह है कि हमारे होते बिहार में अमन,शांति,भाईचारा और सद्भाव कैसे और क्यों है? इन्हें यही पीड़ा है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 16, 2018
तेजस्वी ने आगे लिखा है कि मीडिया के कुछ भाजपा समर्थित चैनलों ने चुनाव पूर्व भाजपा अध्यक्ष द्वारा आईएसआई हब बनने संबंधित बयान पर कोई डिबेट नहीं? हमारे जीतने के बाद सुशील मोदी के सांप्रदायिक दृष्टिकोण पर चर्चा नहीं. गिरिराज सिंह के कट्टरपंथी टिप्पणी पर कोई चर्चा और बहस नहीं. लेकिन बहस बिना जांच के वीडियो पर! तेजस्वी ने लिखा है कि इतिहास और आँकड़े गवाह है पहले जेएनयू में भी इन्होंने खूब ऐसा वीडियो चलाया था, लेकिन जांच होने पर फर्जी वीडियो निकला. पहले वीडियो को सत्यता जांच ले कहीं doctored ना हो. सही पाने पर दोषियों को कठोर सजा का पुरजोर समर्थन करते है.
मीडिया के कुछ BJP समर्थित चैनलों ने चुनाव पूर्व BJP अध्यक्ष द्वारा ISI हब बनने संबंधित बयान पर कोई डिबेट नहीं? हमारे जीतने के बाद सुशील मोदी के सांप्रदायिक दृष्टिकोण पर चर्चा नहीं। गिरिराज सिंह के कट्टरपंथी टिप्पणी पर कोई चर्चा और बहस नहीं।
लेकिन बहस बिना जाँच के Video पर!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 16, 2018
तेजस्वी ने आगे तंज कसते हुए लिखा है कि बिहारियों के खून में हिंदुस्तान बसता है. भारत विरोधी नारेबाजी बीजेपी और नीतीश कुमार के नागपुर वाले दोस्तों की साजिश हो सकती है. जांच हो. बिलकुल जांच हो. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. लेकिन फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट आये बिना कोई किसी नतीजे पर कैसे पहुंच सकता है? तेजस्वी ने आगे लिखा है कि नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी और करीबी सांसद आरसीपी सिंह की मौजूदगी में छपरा में शादी में सुशासन की धज्जियां उड़ाते हुए ताबड़तोड़ फ़ायरिंग की गई. सत्ताधारी लोग खुलेआम ऐसी गोलीबाज़ी को प्रोत्साहित कर रहे है. नीतीश कुमार बताये क्या वो अपने उत्तराधिकारी पर कोई कार्रवाई करेंगे?
इतिहास और आँकड़े गवाह है पहले जेएनयू में भी इन्होंने ख़ूब ऐसा Video चलाया था लेकिन जाँच होने पर फ़र्ज़ी Video निकला। पहले Video को सत्यता जाँच ले कहीं doctored ना हो। सही पाने पर दोषियों को कठोर सज़ा का पुरज़ोर समर्थन करते है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 16, 2018
वहीं, अररिया के नवनिर्वाचित सांसद सरफराज आलम ने कहा था कि पाकिस्तान जिंदाबाद वाला वीडियो जांच का विषय है. यह विवादित वीडियो भाजपा की साजिश का नतीजा है. गौरतलब हो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो फुटेज में कुछ लोगों का एक समूह दिखा है जो बुधवार को उपचुनाव परिणाम की घोषणा के बाद भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहा था. वीडियो का संज्ञान लेते हुए अररिया टाउन पुलिस के थाना प्रभारी ने आईपीसी और आईटी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत लोगों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में तीन लोगों के नाम हैं जबकि बाकी अज्ञात हैं. अररिया के जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि प्राथमिकी में नामजद दो लोगों- मोहम्मद शहजाद और मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया गया है. तीसरे आरोपी मोहम्मद आबिद को जल्द ही पकड़ा जाएगा. वीडियो में आलम के घर के नजदीक लोग विजय चिह्न बनाते हुए नारेबाजी करते नजर आये थे.
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