पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अच्छी सोच और अच्छा काम करनेवाले व्यक्ति हैं. हालांकि, जिसकी संगत लग गयी है, उसकी सहन भी करनी पड़ रही है. उसके साथ चलना पड़ रहा है. उक्त बातें रविवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहीं. उन्होंने कहा कि सभी पक्ष और पार्टियां सत्ते से पैसा, और पैसे से सत्ता के पीछे घूम रहे हैं. हमारा आंदोलन इस व्यवस्था परिवर्तन को लेकर है. मालूम हो कि लोकपाल और किसानों के मुद्दों को लेकर अन्ना हजारे दिल्ली में 23 मार्च को धरने पर बैठ कर आंदोलन का आगाज करने जा रहे हैं.
लोकपाल पर बोलते हुए कहा कि मनमोहन सरकार ने कमजोर बिल बनाया. मोदी सरकार उसको और कमजोर कर रही है. सरकार ने बिल में प्रावधान था कि सरकारी अधिकारी अपने परिवार की संपत्ति 31 मार्च तक घोषित करेंगे. सरकार ने इस नियम को हटा कर भ्रष्टाचार का रास्ता खोल दिया. हमारी मांग है कि कमजोर लोकपाल बिल को वापस लिया जाये. देश में किसानों की दशा सुधारने के लिए कृषि मूल्य आयोग को वित्त और चुनाव आयोग की तरह ही स्वायत्तशासी संस्था बनाने की जरूरत है. इसमें किसानों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाये. हमारा आंदोलन सत्ता और पार्टी के समर्थन से परे है.
वहीं, केजरीवाल द्वारा माफी मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उसको गलती नहीं करनी चाहिए. अन्ना हजारे जब यह पूछा गया कि वह जेपी के घर से आंदोलन की बात कर रहे हैं, लेकिन पूर्व के आंदोलन के बाद का वक्त गवाह है कि जेपी के चेले भी भटक गये और आपके चेले भी भटक गये, इस पर अन्ना का कहना था कि जो भटक गये उनको भटकने दो. लोकतंत्र के लिए सरकारों पर जन को अपना दबाव बनाना होगा.