बिहार : राज्य में तीन स्थानों पर बनेंगे नये सिपाही ट्रेनिंग स्कूल, अभी 9900 सिपाहियों की चल रही बहाली
गृह विभाग के स्तर पर स्कूलों को स्थापित करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू पटना : राज्य में सिपाहियों की बहाली जिस तेजी से हो रही और आने वाले समय में बहाली की यह प्रक्रिया इसी तरह निरंतर जारी रहेगी. इसके अलावा सिपाहियों के फिटनेस को बनाये रखने और नयी चुनौतियों के लिए […]
गृह विभाग के स्तर पर स्कूलों को स्थापित करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू
पटना : राज्य में सिपाहियों की बहाली जिस तेजी से हो रही और आने वाले समय में बहाली की यह प्रक्रिया इसी तरह निरंतर जारी रहेगी. इसके अलावा सिपाहियों के फिटनेस को बनाये रखने और नयी चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए नियमित ट्रेनिंग की जरूरत बड़े स्तर पर महसूस की जा रही है. इसके मद्देनजर राज्य में तीन सिपाही ट्रेनिंग स्कूल तैयार करने के प्रस्ताव पर सरकार की मुहर लग गयी है.
गृह विभाग के स्तर पर इन स्कूलों को स्थापित करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद भी शुरू कर दी गयी है. जिन तीन स्थानों पर सिपाही ट्रेनिंग स्कूल बनाना प्रस्तावित है, उसमें डुमरांव (बक्सर), सिमुलतल्ला (जमुई) और दरभंगा शामिल हैं.
2019 में शुरू हो जायेगा डुमरांव स्कूल
इसमें डुमरांव में स्कूल के लिए जमीन चिह्नित कर ली गयी है और इसका निर्माण कार्य भी जल्द ही शुरू होने जा रहा है. विभागीय स्तर पर यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगले साल तक यह हर हाल में शुरू हो जायेगा. डुमरांव सिपाही ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण का कार्य आगामी वर्ष से शुरू करने की योजना को तेजी से अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
अन्य दोनों स्थानों सिमुलतल्ला और दरभंगा में जमीन चिह्नित करने की ही प्रक्रिया चल रही है. जमीन फाइनल होने के बाद इनका निर्माण कार्य शुरू हो पायेगा. इस वजह से इन दोनों स्कूलों का वर्ष 2019 में शुरू होना कठिन लग रहा है. हालांकि आगामी दो वर्ष में इन दोनों स्कूलों का शुरू होना तय समझा जा रहा है.
इन तीनों ट्रेनिंग स्कूल में एक-एक हजार प्रति स्कूल सिपाहियों को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था रहेगी. इससे तीन हजार सिपाहियों को आधुनिक और सुविधापूर्ण तरीके से ट्रेनिंग देना संभव हो सकेगा. ये तीनों ट्रेनिंग स्कूल कई मायने में काफी अलग होंगे. इनमें सिपाहियों को 210 कार्य दिवस की सामान्य ट्रेनिंग के अलावा कमांडो की शुरुआती ट्रेनिंग देने की भी सुविधा मौजूद होगी. सिपाहियों को विशेष तरीके से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा.
नाकाफी साबित हो रही मौजूदा व्यवस्था
राज्य में अभी आठ बीएमपी (बिहार सैन्य पुलिस) में आठ हजार सिपाहियों के रहने और इन्हें ट्रेनिंग देने की व्यवस्था दो से तीन महीने में शुरू हो जायेगी. इन आठ बीएमपी में तीन इकाईयों डुमरांव स्थित बीएमपी-4, जमालपुर स्थित बीएमपी-9 और दरभंगा स्थित बीएमपी-13 में महिला सिपाहियों के ट्रेनिंग की व्यवस्था की गयी है.
इसके अलावा जिन आठ बीएमपी में ट्रेनिंग का बंदोबस्त किया गया है, उसमें मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर, कटिहार और बक्सर जिलों में स्थित बीएमपी शामिल हैं. परंतु यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. जितनी संख्या में सिपाहियों की बहाली हो रही है, उसके हिसाब से यह कम पड़ रहे हैं.
अभी नौ हजार 900 सिपाहियों की बहाली चल रही है. जून-जुलाई में भी नौ हजार सिपाही की बहाली होने जा रही है. इसके बाद अलगे साल भी सिपाही की बहाली होगी. इस तरह इन दो सालों में बड़ी संख्या में सिपाही को ट्रेनिंग देने की जरूरत पड़ेगी.