पटना : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विपक्षी पार्टियों के विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले विधानसभा के मुख्यद्वार पर जमकर हंगामा किया. विपक्षी विधायकों ने भाजपा नेताओं गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर मुख्य विपक्षी दल राजद के विधायकों के साथ कांग्रेस और सीपीआई के विधायक मौजूद थे.
हंगामा कर रहे विपक्षी दलों के विधायकों ने भाजपा के दोनों नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की. विधायकों ने बिहार सरकार को दंगाई सरकार की संज्ञा देते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की. राजद नेता भाई वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इशारे पर बिहार में नफरत फैलाया जा रहा है. हम चूड़ी पहन कर नहीं बैठे हैं. जब तक कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक विधानसभा को चलने नहीं दिया जायेगा.
राजद विधायक भाई वीरेंद्र और कांग्रेस के भागलपुर से विधायक अजित शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार कहती है कि हम नफरत फैलानेवाले को नहीं छोड़ेंगे और मुख्यमंत्री को शर्म नहीं आ रही है. भाई वीरेंद्र ने कहा कि आज भी सदन में ये सभी मामले उठाये जायेंगे और सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जनादेश के खिलाफ भाजपा के साथ बेमेल शादी की है. साथ ही समाज में नफरत फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की.
वहीं, भाजपा नेता नंद किशोर यादव में कहा कि राजद नेता मुद्दे को भटकाना चाहते हैं. जब भी हत्यारों और दंगाइयों पर कार्रवाई की बात होती है, तो राजद के लोग साथ खड़े हो जाते हैं. उन्हें बोलने का कोई हक नहीं है. अररिया में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगानेवालों और दरभंगा में भाजपा नेता के पिता के हत्यारे पर जब पुलिस कार्रवाई करना चाहती है, तो उनके साथ ये खड़े हो जाते हैं.
कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ प्रेस के सामने आये. उन्होंने भागलपुर की पुरानी घटनाओं की यादें ताजा करने की कोशिश की. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अश्विनी चौबे के बेटे शाश्वत चौबे ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बिना अनुमति जुलूस निकाला. नामजद प्राथमिकी होने के बावजूद अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी. वहीं, कांग्रेस विधायक अवधेश सिंह ने डीजीपी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर उठाये सवाल.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा नेता के पुत्र शाश्वत चौबे को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दंगा फैलानेवालों को सरकार में किसने लाया. सुशील मोदी या गिरिराज दोनों में से कोई झूठ बोल रहा है. भागलपुर में पुलिस ने केवल खानापूर्ति की है. भाजपा नेताओं गिरिराज सिंह और नित्यानंद की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है. भागलपुर में किसी की जान जाती है, तो इसकी जिमेदारी कौन लेगा. वहीं, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री को जो करना है करें. चंद्रबाबू नायडू ने दिखा दिया कि क्या किया जा सकता है. मुख्यमंत्री अपनी सभी मांगों को भूल गये हैं. हम नेता नरेंद्र सिंह के जदयू में शामिल पर उन्होंने कहा कि ‘थके और हारे हुए लोग इकट्ठे हो रहे हैं.नीतीश कुमार पता नहीं कहां से नरेंद्र सिंह को ले आये. पिछले कई दिनों से गायब नरेंद्र सिंह थे. थके हुए लोगों की फौज खड़ी कर रहे हैं. दूसरी ओर, सदन में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा द्वारा सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया, जिसे मंजूर नहीं किये जाने का आरोप भी तेजस्वी यादव ने लगाया.