बिहार : सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बर्दाश्त नहीं : नीतीश कुमार
किसी में दम नहीं कि खत्म कर दे आरक्षण : सीएम पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कोई अगर एक गलती करता है तो उसकी निंदा, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. न कि उसको आधार बना कर इतना चिल्लाये कि दो पक्षों में […]
किसी में दम नहीं कि खत्म कर दे आरक्षण : सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कोई अगर एक गलती करता है तो उसकी निंदा, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. न कि उसको आधार बना कर इतना चिल्लाये कि दो पक्षों में तनाव पैदा हो. यह सद्भावना का उदाहरण नहीं, समाज में तनाव पैदा करने की रणनीति है.
श्री कुमार मंगलवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में समृद्धशाली व गौरवशाली बिहार में युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे. कांग्रेस से जदयू में आये पूर्व मंत्री अशोक चौधरी सहित चारों विधान पार्षदों द्वारा आयोजित सेमिनार में उन्होंने साफ कहा कि इस देश में किसी में दम नहीं कि वह एससी-एसटी व पिछड़े वर्गों के आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को खत्म कर दे.
वोट बनाने के लिए लोग कराते हैं झगड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सौहार्द बनाये रखना सिर्फ हमारा नहीं, सबका दायित्व है. ऐसे घटनास्थल पर जाकर जो भी बयान देता है, वह गलत है. चाहे किसी दल का हो. वोट बनाने के लिए लोग झगड़ा कराते हैं. लेकिन, हमारी सरकार में कोई बिना अनुमति जुलूस निकालता है तो उस पर एफआईआर होता है. एक पक्ष तनाव पैदा करना चाहता है तो आप उसको बढ़ाना चाहते हैं?
विकास को पीछे ढकेलने की रणनीति
सीएम ने कहा कि लोग सोचते हैं कि आग लगा दो, झंझट करवा दो, ऐसा माहौल पैदा कर दो कि लोग विकास के काम को भूल जाएं. तनाव के माहौल में लोगों का वोट हासिल कर लो. उसके बाद सत्ता पर कब्जा कर लो. फिर सेवा नहीं करो, मेवा खाओ. इसी राजनीति का फर्क युवाओं को करना होगा. हमको लोगों को चिंता है और हम किसी भी कीमत पर ऐसी चीजों से समझौता नहीं करते हैं, चाहे अंजाम जो हो जाये.
पड़ताल के बगैर नहीं छपने चाहिए वक्तव्य
मुख्यमंत्री ने दरभंगा में जमीन विवाद के मामले को नरेंद्र मोदी चौक से जोड़े जाने पर कहा कि हमने डीजीपी से पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि जमीन विवाद का मामला है. एक दुकान है, जिस पर नरेंद्र मोदी चौक का बोर्ड लगा दिया गया था.
सुशील मोदी ने भी इस मामले में ट्वीट किया था, लेकिन दूसरा पक्ष अधिक प्रचारित हुआ. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव से जुड़े मामलों में बगैर पड़ताल ऐसे वक्तव्य नहीं छपने चाहिए. बीमारी की तरह मैसेज भी अब वायरल होने लगे हैं, जिसके चलते नेट कनेक्टिविटी पर रोक लगानी पड़ती है.
लागू रहेगा कर्पूरी का आरक्षण फार्मूला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर ने वर्ष 1978 में आरक्षण लागू किया. उनको क्या नहीं झेलना पड़ा. इसमें उन्होंने पिछड़े वर्गों को दो हिस्से में बांटा. जब केंद्र में वीपी सिंह की सरकार ने मंडल कमीशन लागू किया तो यहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री की ख्वाहिश थी कि बिहार में भी मंडल कमीशन लागू हो. उसमें पिछड़े वर्गों की एक ही कटेगरी थी. हमने 1993 में कहा कि सवाल ही पैदा नहीं होता है कि जो कर्पूरी ठाकुर ने लागू किया है, उसके साथ िकसी तरह की भी छेड़छाड़ की जाये.