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बीमार बालिका को एनएनसीयू में भर्ती कराने पर आशा को मिलेंगे पांच सौ रुपये : मंगल पांडेय

पटना :राज्य में बालिका शिशु मृत्यु दर बालक मृत्यु दर से 15 प्वाइंट अधिक है. बालिका मृत्यु दर को कम करने के लिए बीमार नवजात बालिका को एनएससीयू में भर्ती करने के लिए आशा को प्रोत्साहन के रूप में पांच सौ रुपये दिये जायेंगे. वहीं, बालिका की माता को दो सौ रुपये प्रतिदिन क्षतिपूर्ति राशि […]

पटना :राज्य में बालिका शिशु मृत्यु दर बालक मृत्यु दर से 15 प्वाइंट अधिक है. बालिका मृत्यु दर को कम करने के लिए बीमार नवजात बालिका को एनएससीयू में भर्ती करने के लिए आशा को प्रोत्साहन के रूप में पांच सौ रुपये दिये जायेंगे. वहीं, बालिका की माता को दो सौ रुपये प्रतिदिन क्षतिपूर्ति राशि दी जायेगी. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों के स्वास्थ्य व देखभाल के लिए 32 एसएनसीयू का निर्माण काम पूरा हो गया है. दो का निर्माण अंतिम चरण में है. 12 जिला अस्पतालों का निर्माण किया गया है.

मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में सुविधा बढ़ने से इलाज करानेवाले की संख्या बढ़ी है. 2005-06 में ओपीडी में प्रतिमाह औसतन 39 मरीज जाते थे, वहीं यह संख्या बढ़ कर साढ़े 10 हजार हो गयी है. शिशु मृत्यु दर 61 से घट कर 38 हो गया है. अगले साल तक राज्य में 90 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य पूरा हो जायेगा.

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के अंतर्गत पहले 11 असाध्य रोगों के इलाज हेतु अनुदान का प्रावधान था. अब पांच अन्य असाध्य रोग बोन मैरो ट्रांसप्लांट, हिमोफिलिया, ट्रांसजेंडर, हेपेटाइटिस व ब्रेन हेम्रेज को भी शामिल किया गया है. राज्य के नौ जिला अस्पतालों अररिया, औरंगाबाद, बांका, भोजपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी व वैशाली को मॉडल हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने की योजना है. उन्होंने कहा कि टीबी रोग के रोगियों के भरण पोषण के लिए निर्धारित अवधि तक पांच रुपये मिलेगा. टीबी रोग का इलाज कर रहे चिकित्सकों को मरीज का इलाज संपन्न होने के बाद एक हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है. दिसंबर 2018 तक नये कुष्ठ के केस को शून्य करने का लक्ष्य है. अस्पतालों में ओपीडी,आइपीडी, ऑपरेशन मिलाकर मिलनेवाले नये दवाओं की सूची शीघ्र जारी होगी. इसमें 70 नये दवा शामिल किये गये हैं.

104 कॉल सेंटर का हो प्रचार-प्रसार

मंत्री ने आग्रह किया है कि शिकायत निवारण व मेडिकल हेल्पलाइन 104 कॉल सेंटर का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाये. इसके तहत लोगों को चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा व उनके अन्य शिकायतों का निवारण होगा. उन्होंने कहा कि राज्य में पहले से 812 एंबुलेंस के अलावा इस वित्तीय वर्ष में 250 नये एंबुलेंस जिले को उपलब्ध कराया गया है. राज्य सरकार आयुष प्रक्षेत्र की चिकित्सा सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने हेतु अत्यंत गंभीर है.

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