पटना : सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को लेकर बिहार में भी सियासत तेज हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के राजनेताओं के बीच भी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. देश भर के तमाम दलित नेताओं की श्रेणी में अब जदयू के दलित नेता श्याम रजक भी शामिल हो गये हैं. शुक्रवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस फैसले से अनुसूचित जाति और जनजाति के हितों की अनदेखी को बढ़ावा मिलेगा.
पूर्व मंत्री और जदयू विधायक श्याम रजक ने भीएससी-एसटीएक्ट कानून के प्रावधानों को बदलने को लेकर एटर्नी जनरल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. श्याम रजक ने कहा कि सरकार की मंशा पर कोई प्रश्न नहीं है, लेकिन सरकार के जो मुलाजिम हैं उनकी मंशा पर सवाल खड़े होते हैं.
उन्होंने मांग की कि इस वक्त अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग दहशत के माहौल में हैं जिसे कम करने के लिए चालू सत्र में अध्यादेश लाया जाये और नये दिशा निर्देश के बारे में दलित नेताओं का कहना है कि इसके अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने से पहले पिछड़े समाज को जल्द न्याय मिलना मुश्किल होगा.
श्याम रजक के साथ और भी कई नेताओं ने केंद्र सरकार से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की भी मांग की और इस पर संज्ञान लेने की बात कही. श्याम रजक बिहार विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में अपनी बात रख रहे थे.
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