VIDEO में देखिए, चैती छठ की अनोखी छटा, देव में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ

पटना / औरंगाबाद नगर :बिहारकी राजधानी पटना में चैती छठ के अवसर पर शुक्रवार को पूरे दिन निर्जला रहने के बाद छठ व्रतियों ने पूजा सामग्री के साथ छठ घाटों पर पहुंच कर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध दिया व पूजा अर्चना की. वहीं, रात में कोसी भरने का अनुष्ठान किया. श्रद्धालु अपने घरों व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2018 6:57 PM

पटना / औरंगाबाद नगर :बिहारकी राजधानी पटना में चैती छठ के अवसर पर शुक्रवार को पूरे दिन निर्जला रहने के बाद छठ व्रतियों ने पूजा सामग्री के साथ छठ घाटों पर पहुंच कर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध दिया व पूजा अर्चना की. वहीं, रात में कोसी भरने का अनुष्ठान किया. श्रद्धालु अपने घरों व छठ घाटों पर रात में कोसी भरे और शनिवार की सुबह पुन: छठ घाटों पर पहुंचकर पूजा करेंगे व उदयीमान सूर्य को अर्घ देंगे. इसके बाद घर में अन्य देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद पारण कर छठ व्रत का समापन करेंगे. अपने परिजनों, मित्रों को प्रसाद ग्रहण करेंगे.

राजधानी पटना के गंगा घाट और शहर के अन्य तालाबों पर प्रशासन की ओर से काफी बेहतर इंतजाम किया गया है. पटना के सभी छठ घाटों पर नजारा बिल्कुल भक्तिमय है. लोग अपने परिजनों और छठ व्रतियों के साथ घाटों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य दे रहे हैं.

छठ व्रतियों व उनके परिजनों द्वारा गाये जाने वाले छठ गीतों से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है. मुहल्लों व बाजारों में भी कहीं-कहीं छठ के गीत सुनाई पड़ रहे हैं. व्रती अपने घरों में केलवा जे फरेला घवद से.., उग-उग हे सूर्य देव भइले अर्घ्य के बेर.., आदि गीतों से वातावरण छठमय व भक्तिमय बना हुआ है.

अस्त होते सूर्य को आस्था के साथ नमस्कार करने की पौराणिक प्रथा है. सूर्य उपासना का पर्व सूर्य षष्ठी व्रत के अवसर पर चैती छठ हो अथवा कार्तिक छठ, प्रथम अ‌र्घ्य के दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर मंगल कामना किया. इस लोक आस्था के पर्व पर इस प्रथा से वह कहावत मिथ्या साबित होती है, जिसमें कहा गया है कि सभी उगते सूर्य को ही नमस्कार करते हैं.

आस्था के इस कठिन तप करने वाले लोग छठी मइया से पुत्र के साथ ही बेटी की भी कामना करते हैं. छठ पूजा में महिलाओं द्वारा गाये जाने वाले छठ गीत- ‘रुनुकी-झुनुकी बेटी मांगी ले, पढ़ल पंडित दामाद..’ के भाव से स्पष्ट प्रतीत होता है कि महिलाएं छठ मइया से सुंदर, सलोनी बेटी के साथ योग्य दामाद की कामना करती हैं.देव सूर्य नगरी में देश के कोने कोने से पहुंचे लाखो व्रतियों ने भगवान सूर्य का अर्ध्य दिया.दोपहर 12 बजे से ही अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया था जो देर रात तक जारी रहा.हर तरफ छठी मईया गीत सुनाई दे रही थी.

वही समाजसेवी संस्था के लोगो ने जगह- जगह पर स्टॉल लगाकर फल का वितरण किया.वही जगह -जगह पर समाजसेवी द्वारा पानी का छिड़काव किया जा रहा था.सुरक्षा की कमान डीएम राहुल रंजन महिवाल, एसपी डॉ सत्यप्रकाश, एएसपी राजेश सिंह,एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद,एसडीपीओ पीएन साहू संभाल रखे थे.साथ सूर्य कुंड तालाब में एसडीआएफ की टीम को लगाया गया था.

एसडीओ सुरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि करीब आठ लाख छठ व्रतियों ने अर्घ्य दान किया. वहीं देव सूर्य मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की. जिला प्रशासन द्वारा वाहनों को काफी दूर रोक दिये जाने के कारण व्रतियों को सूर्य कुंड तालाब पर जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा,फिर भी छठव्रति आस्था लिये हुए सूर्य कुंड तालाब पहुंचे और स्नान कर अर्घ्यदान किया.सूर्यकुंड तालाब में स्नान करने के दौरान कोई भी श्रद्धालु गहरे पानी में न जाये इसके लिए प्रशासन द्वारा बैरिकेटिंग के साथ-साथ जाल लगाया गया था.

वहीं अधिक पानी में नहीं जाने से संबंधित जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा लगातार लाउडस्पीकर के माध्यम से दी जा रही थी. देव चैती छठ मेला के दौरान देखने को यह मिला कि जिन श्रद्धालुओं को जहां पर खाली जगह दिखाई पड़ा वहीं पर अपना डेरा जमा लिये और पूजा अर्चना किये.

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