बिहार : सुपौल में एक लाख लीटर क्षमता की डेयरी होगी स्थापित, खुलेंगी 9463 डेयरी

आयेगी खुशहाली : सूबे में गव्य विकास को मिलेगा बढ़ावा, खुलेंगी 9463 डेयरी पटना : राज्य सरकार गव्य विकास को बढ़ावा देगी. अगले वित्तीय वर्ष में राज्य में 9463 छोटी डेयरी खोलने का लक्ष्य रखा गया है. डेयरी इसके लिए बजट में 69.836 करोड़ की व्यवस्था की गयी है. जल्द ही सुपौल में एक लाख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2018 7:32 AM
आयेगी खुशहाली : सूबे में गव्य विकास को मिलेगा बढ़ावा, खुलेंगी 9463 डेयरी
पटना : राज्य सरकार गव्य विकास को बढ़ावा देगी. अगले वित्तीय वर्ष में राज्य में 9463 छोटी डेयरी खोलने का लक्ष्य रखा गया है. डेयरी इसके लिए बजट में 69.836 करोड़ की व्यवस्था की गयी है. जल्द ही सुपौल में एक लाख लीटर क्षमता वाली डेयरी काम करने लगेगी. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अगले वित्तीय वर्ष में गव्य विकास पर फोकस किया है.
डेयरी स्थापना के लिए विभाग सामान्य वर्ग को 50 फीसदी और एससी-एसटी को 66.66 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. दो दुधारू पशु वाली 7319 और चार दुधारू पशु वाली 2144 डेयरी खोलने का लक्ष्य रखा है. कृषि रोडमैप में भी गव्य विकास पर फोकस है. राज्य के सभी क्षेत्रों में दुग्ध संग्रहण केंद्र खोलने की योजना है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे पशुपालन व मछलीपालन
सूबे की ग्रामीण अर्थव्यवस्था व ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में पशुपालन, दूध उत्पादन और मछलीपालन की बड़ी भूमिका है. पशुपालन कुल ग्रामीण अाय में लगभग पांचवें हिस्से का योगदान करता है. यह सेक्टर महिलाओं व सीमांत तबके के श्रमिकों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराता है.
बकरी पालन गरीब तबके के लिए एक बड़ा आर्थिक संबल है. राज्य में बकरियों की संख्या गाय से थोड़ा ही कम है. राज्य की जलवायु पशुपालन और मछलीपालन के लिए अनुकूल है.
राज्य में पशुपालन के साथ-साथ बड़े पैमाने पर कुक्कुट पालन भी होता है. राज्य में पशुओं की अंतिम गणना 2012 में हुई थी. राज्य में करीब साढ़े तीन लाख पशु हैं. पिछले 10 साल में पशुधन में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पशुधन में 60 फीसदी दुधारू हैं.
दूध व मछली उत्पादन में लगातार हो रही है बढ़ोतरी : राज्य में दूध व मछली उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले पांच साल में राज्य में दूध के उत्पादन में 6.43 फीसदी और मछली उत्पादन में 6.63 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
2012-13 में राज्य में दूध का उत्पादन 68.45 लाख टन था, जो 2016-17 में बढ़कर 87.10 लाख टन हो गया. 2012-13 में राज्य में सालाना चार लाख टन मछली का उत्पादन था, जो 2016-17 में बढ़कर 5.09 लाख टन हो गया. राज्य में पिछले पांच साल में अंंडा के उत्पादन में 6.62 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2012-13 में राज्य में सालाना 83.72 करोड़ अंडा का उत्पादन हो रहा था, जो 2016-17 में बढ़कर 111.17 करोड़ हो गया.
समस्तीपुर में 30 टन क्षमता वाले दूध पाउडर संयंत्र की होगी स्थापना
अगले वित्तीय वर्ष में सुपौल में एक लाख लीटर क्षमता का और समस्तीपुर में रोजाना 30 टन क्षमता वाले दूध पाउडर संयंत्र की स्थापना होगी. साथ ही और अधिक से अधिक महिलाओं को दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति से जोड़ने का लक्ष्य है. तीन लाख महिलाओं को समितियों से जोड़ा जायेगा.

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