पटना : बिहार विधानसभा में गृह विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार भड़क उठे और उन्होंने तेजस्वी यादव को राजनीति में लंबा कैरियर का हवाला देते हुए कहा कि वह सांप्रदायिक मसलों से जुड़े अफवाहों को सदन में न उठायें. उन्होंने तेजस्वी को सुनो बाबू, सुनो बाबू कहते हुए समझाया और औरंगाबाद के मसले पर विस्तृत जानकारी दी. नीतीश कुमार के ऐसा कहने पर तेजस्वी यादव भी चुप नहीं बैठे और उन्होंने सदन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार को देश का सबसे कमजोर मुख्यमंत्री बताते हुए बहुत सारी बातें कहीं.
तेजस्वी ने बाहर आकर मीडिया से कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने का काम हो रहा है. इस सरकार में किसी भी कानून तोड़ने वाले की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. मेरे साथ लगातार साजिश की जाती है. मैंने आज जैसे ही सदन के अंदर औरंगाबाद की घटना की सूचना दी, जिसके बारे में हमारे पार्टी के नेता, हमे लगातार अवगत करा रहे हैं, लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया. यहां तक कि नीतीश कुमार की बात खत्म होने के बाद मैंने बोलना शुरू किया, तो मेरा माइक ही बंद कर दिया गया.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे का नाम लेने से डरने का आरोप लगाते हुए कहा कि दंगा कराने वाले लोग कौन हैं, अश्विनी चौबे और उनके बेटे. गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय जैसे लोगों को सरकार ने क्यों खुला छोड़ा है, जो बेवजह की बयानबाजी करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि औरंगाबाद में भाजपा के सांसद सुशील सिंह स्वयं दंगा भड़काने का काम कर रहे हैं और उन्हें रोका नहीं जा रहा है.
तेजस्वी यादव ने गुस्से में कहा कि सीएम नीतीश विपक्ष पर बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांकें तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमारकुर्सीसे प्यार के चक्कर में अश्विनी चौबे के बेटे को गिरफ्तार नहीं करवा रहे हैं. जबकि वह मुख्यमंत्रीआवासके बगल में बैठकर सरकार को चैलेंज कर रहा है. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री हमको अधिकार दें और चार पुलिस वालों को भेजें मैं अश्विनी चौबे के बेटे को पकड़ कर लाता हूं. तेजस्वी ने कहा कि औरंगाबाद में जो कुछ हो रहा है, वह भाजपा के लोग करवा रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि आज की तारीख में राम के विचारों को लोग भूल गये हैं. आज लोग तलवारबाजी कर रहे हैं. आज कहां कहीं सीता का अपहरण हो गया है, तलवारबाजी करना है, तो सीमा पर जा कर करें.
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