आये दिन मारपीट व हंगामा के बाद अस्पताल प्रशासन का निर्णय
एक मरीज के साथ दो परिजनों को ही प्रवेश की मिलेगी इंट्री
पटना : पीएमसीएच की इमरजेंसी में आये दिन मारपीट व हंगामा के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है. अब इमरजेंसी या किसी भी वार्ड में मारपीट या हंगामा होने के बाद तुरंत सायरन बज जायेगा. सायरन बजते ही वहां सुरक्षा कर्मी पहुंच जायेंगे और मामले को शांत करायेंगे.
इसके अलावा एक मरीज के साथ दो परिजनों को ही इमरजेंसी वार्ड में जाने की अनुमति मिलेगी. दरअसल पीएमसीएच में रविवार को इमरजेंसी में हंगामा व धक्का मुक्की के बाद जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांग को लेकर अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विजय कुमार गुप्ता की देखरेख में एक बैठक कर कई बिंदुओं पर निर्णय लिया है.
इमरजेंसी वार्ड में एक सायरन लगाया गया है. जिसे सेंट्रलाइज किया जायेगा. हंगामे व मारपीट जैसी घटना के बाद सायरन को तुरंत बजा दिया जायेगा. जिस वार्ड में हंगामा होगा उस वार्ड में ही सायरन बजेगा.
संबंधित वार्ड में सुरक्षाकर्मी तुरंत पहुंच जायेंगे और मामले को शांत करायेंगे. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज अब अपने साथ दो ही परिजनों को अंदर ले जा सकेंगे. इसके लिए अलग से गेट पास बनना होगा, ताकि वार्ड में भीड़ नहीं हो.
जूनियर डॉक्टर नहीं जायेंगे हड़ताल पर : पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार यादव ने बताया कि हमारी मांगें प्रिंसिपल ने मान ली हैं.
जूनियर व सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों को अधीक्षक आवास में पार्किंग, इमरजेंसी से लेकर सभी वार्डों में पुख्ता सुरक्षा, गार्डों की संख्या में बढ़ोतरी, सीसीटीवी कैमरों में बढ़ोतरी आदि मांगें मान ली गयी हैं. इसको देखते हुए 24 घंटे के बाद हड़ताल पर जाने के अल्टीमेटम को वापस ले लिया गया है.
बुजुर्गों के लिए अलग अस्पताल, मिला बजट
पटना : अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे बुजुर्ग मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि, अब पीएमसीएच में बिहार का पहला बुजुर्गों का अस्पताल खुलने जा रहा है. इसके लिए सरकार ने अस्पताल प्रशासन को 20 करोड़ रुपये का बजट मुहैया करा दिया है. अप्रैल के पहले सप्ताह से नये अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
इस साल के अंत तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य बनाया गया है. ऐसे में अब बुजुर्गों को एक ही छत के नीचे सभी जरूरी मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी. यह अस्पताल दो वार्डों में बंटी होगी. दोनों ही वार्ड में अलग-अलग मरीजों का इलाज होगा. ऐसे में अब बुजुर्ग मरीजों का स्वास्थ्य निजी अस्पतालों के भरोसे नहीं रहेगा.
30 बेडों का होगा अस्पताल : बुजुर्गों के अस्पताल को लेकर सरकार ने बजट जारी कर दिया है. अस्पताल 30 बेडों का बनाया जायेगा. केंद्र और बिहार सरकार के बीच इसके लिए एमओयू साइन बहुत पहले ही हो चुका था. स्किन डिपार्टमेंट के सामने खाली जमीन पर ही यह अस्पताल बनाया जायेगा.
पीएमसीएच में मरीज व डॉक्टरों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसको लेकर हम अलर्ट हैं. जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार उनको अधीक्षक आवास में पार्किंग की व्यवस्था करने के साथ ही इमरजेंसी में सायरन की सुविधा दी जा रही है.
-डॉ विजय कुमार गुप्ता, प्रिंसिपल पीएमसीएच