बिहार पुलिस : अपराधियों को पकड़ने के लिए गश्ती में भी रहते हैं ये सिपाही
पटना : 50 साल से अधिक उम्र के जवान आठ किलो की राइफल लेकर ड्यूटी कर रहे है और युवा पुलिस लाठी लेकर ड्यूटी कर रहे है. इस उम्र के बाद शरीर कमजोर होने लगता है और उन जवानों को पुरानी राइफल थमा कर थानों में ड्यूटी लगायी गयी है. यहां तक की अपराधियों को […]
पटना : 50 साल से अधिक उम्र के जवान आठ किलो की राइफल लेकर ड्यूटी कर रहे है और युवा पुलिस लाठी लेकर ड्यूटी कर रहे है. इस उम्र के बाद शरीर कमजोर होने लगता है और उन जवानों को पुरानी राइफल थमा कर थानों में ड्यूटी लगायी गयी है. यहां तक की अपराधियों को पकड़ने, गश्ती में भी उपयोग किया जा रहा है. जबकि, युवा जवान लाठी लेकर ड्यूटी कर रहे है.
आमतौर पर इन जवानों को उन हथियारों को देना चाहिए. या फिर उन पुराने हथियारों को हटाना चाहिए. साथ ही 50 साल से अधिक उम्र के जवानों को ऑफिस ड्यूटी में लगाया जाना चाहिए. शहर में 18 से 25 साल के युवा अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे है उन्हें पकड़ने के लिए युवा पुलिसकर्मी चाहिए, लेकिन अधिकतर थानों में 50 साल से अधिक उम्र के जवान है.
जिन होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी थानों में लगायी गयी है, उनकी हालत और भी खराब है. अधिकत्तर होमगार्ड की उम्र 50 साल से अधिक है और उन्हें हथियार के साथ ड्यूटी पर लगाया गया है. पेट की खातिर वे भारी हथियार को लेकर ड्यूटी करने को मजबूर है.
जबकि युवाओं को ऑफिस ड्यूटी और लाठी पार्टी में रखा जाता है. बिहार प्रदेश रक्षावाहिनी स्वंयसेवक संघ के महासचिव सुदेश्वर प्रसाद कहना है कि बिहार पुलिस की तरह होमगार्ड के लिए भी 50 साल से अधिक के जवानों को हथियार के बजाये लाठी पार्टी में शामिल करना है.
लेकिन इसके बावजूद उन्हें भारी हथियार थमा कर फिल्ड में भेज दिया जाता है. इसमें काफी मनमानी की जाती है और युवा लोगों को ऑफिस ड्यूटी व लाठी पार्टी में रखा जाता है. यह साफ तौर पर नियम का उल्लघंन है.