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बिहार बार काउंसिल चुनाव: बोगस वोटिंग मामले में हो सकती है कार्रवाई, सात अप्रैल के पहले औरंगाबाद में चुनाव

बिहार बार काउंसिल चुनाव. बीसीआई समेत संबंधित अधिकारियों को भेज दी गयी है रिपोर्ट पटना : बिहार बार काउंसिल के 25 सदस्यों के लिए 27 मार्च को संपन्न हुए चुनाव में बोगस वोटिंग करने वाले अधिवक्ता और मतपत्र पढ़ने वाले उम्मीदवार के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है. मिली जानकारी के अनुसार मामले से संबंधित एक […]

बिहार बार काउंसिल चुनाव. बीसीआई समेत संबंधित अधिकारियों को भेज दी गयी है रिपोर्ट
पटना : बिहार बार काउंसिल के 25 सदस्यों के लिए 27 मार्च को संपन्न हुए चुनाव में बोगस वोटिंग करने वाले अधिवक्ता और मतपत्र पढ़ने वाले उम्मीदवार के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है. मिली जानकारी के अनुसार मामले से संबंधित एक रिपोर्ट बीसीआई समेत संबंधित अधिकारियों को भेज दी गयी है.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट स्थित एक बूथ पर अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार झा बोगस वोट डालते पकड़े गये. उनसे जब यह पूछा गया कि वे किसके पक्ष में मतदान करने आये थे तो उन्होंने बताया कि वे बार काउंसिल चुनाव के एक उम्मीदवार तारकेश्वर ठाकुर के समर्थक हैं. उनके कहने पर बोगस वोट देने आये थे. तारकेश्वर ठाकुर प्रदेश भाजपा विधि एवं विधायी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भी हैं.
मतपत्र छीनकर खुलेआम फाड़ डाला
इस संबंध में अधिवक्ता के विरुद्ध कार्रवाई करने और जिनके समर्थन में उन्होंने बोगस वोट दिया उनकी उम्मीदवार रद्द करने की एक लिखित शिकायत निर्वाची पदाधिकारी से की गयी थी. वहीं दूसरी ओर एक उम्मीदवार निरंजन कुमार झा ने एक मतदाता से उसका मतपत्र छीनकर खुलेआम फाड़ डाला. साथ ही बार काउंसिल को चुनौती दे डाली.
इससे संबंधित एक रिपोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया सहित संबंधित पदाधिकारियों को भी भेजे जाने की जानकारी मिली है. इस मामले में एक ओर जहां इन उम्मीदवारों की उम्मीदवारी समाप्त की जा सकती है वहीं बोगस वोटिंग करने वाले अधिवक्ता के खिलाफ भी काउंसिल द्वारा कारवाई की संभावना जतायी जा रही है.
गौरतलब है कि बार काउंसिल चुनाव के लिए नियमानुसार अधिवक्ता मतदाता को कम से कम पांच प्रत्याशियों और अधिकतम पचीस प्रत्याशियों को वरीयताक्रम के अनुसार मत देने थे. ऐसे में एक एक मतदाता को मतपत्र पर वरीयताक्रम अंकित करने में हो रही देरी से पटना हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता और इस चुनाव के उम्मीदवार निरंजन कुमार परेशान हो गये. गुस्से में उन्होंने मतदान के लिए मिले एक मतदाता के मतपत्र को सबके सामने फाडकर बार काउंसिल को चुनौती दे डाली.
इसी संबंध में रिपोर्ट बीसीसीआई समेत संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है. पूरे देश में बार काउंसिल का चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कराया जा रहा है. पटना हाईकोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीशों की देखरेख में बिहार बार काउंसिल का चुनाव संपन्न हो रहा है.
सात अप्रैल के पहले औरंगाबाद में चुनाव
पटना : औरंगाबाद में अव्यवस्था के कारण स्थगित किये गये बिहार बार काउंसिल का चुनाव अब सात अप्रैल के पहले करा लिया जायेगा. मिली जानकारी के अनुसार चुनाव कराने के लिए औरंगाबाद जिला प्रशासन से बात कर चुनाव की तारीख जल्द ही निर्धारित की जायेगी. गौरतलब है कि है औरंगाबाद में अव्यवस्था के कारण 27 मार्च को होने वाले बिहार बार काउंसिल के चुनाव को स्थगित कर दिया गया था.
हालांकि बार काउंसिल से मतदान कराने के लिए पोलिंग ऑफिसर पटना स्थित बिहार बार काउंसिल के कार्यालय से 27 मार्च को औरंगाबाद के नजदीक पहुंच गये थे, लेकिन कुछ कारणों से बीच रास्ते से लौटकर पटना आ गये.
स्ट्रांग रूम में रखी गयीं मतपेटियां
पटना. 27 मार्च को बिहार बार काउंसिल के संपन्न हुये चुनाव की मतपेटियां बिहार बार काउंसिल में बने स्ट्रांग रूम में रखी गयी हैं. चुनाव के बाद मंगलवार शाम छह बजे से लेकर बुधवार को बारह बजे दोपहर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से मतदान कराकर आये ऑफिसरों ने बार काउंसिल में बने स्ट्रांग रूम में मतपेटियों को जमा करवाया.
औरंगाबाद में चुनाव संपन्न हो जाने के बाद बिहार बार काउंसिल चुनाव की मतगणना शुरू की जायेगी. गौरतलब है कि 25 सदस्यीय बार काउंसिल के लिए राज्य के 243 अधिवक्ता प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो चुका है.

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