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बिहार : निगम की कमाई 85 करोड़, कर्मचारियों के सालाना वेतन पर खर्च 120 करोड़

पटना : जिस राशि से शहर की सड़कें और दूसरे विकास के काम होने हैं, वह राशि निगम कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च कर रहा है. जानकार इसे विकास राशि का ‘अपहरण’ बताते हैं. दरअसल आर्थिक तौर पर खस्ताहाल पटना नगर निगम का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बने रहना भी मुश्किल हो सकता है, […]

पटना : जिस राशि से शहर की सड़कें और दूसरे विकास के काम होने हैं, वह राशि निगम कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च कर रहा है. जानकार इसे विकास राशि का ‘अपहरण’ बताते हैं.
दरअसल आर्थिक तौर पर खस्ताहाल पटना नगर निगम का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बने रहना भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वह अपने वित्तीय सोर्स बढ़ाने में असफल रहा है. पटना नगर निगम के हालिया बजट में निराशाजनक वित्तीय हालत की झांकी देखी जा सकती है. निगम की अपनी आमदनी वर्ष 2017-18 में 45 करोड़ है. वहीं, स्टांप ड्यूटी से 40 करोड़ की आमदनी हुई. ऐसे में निगम को 85 करोड़ राजस्व मिला. वहीं, निगम अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन पर सालाना करीब 120 करोड़ खर्च करता है, जो आमदनी से 35 करोड़ अधिक है. सातवां वेतनमान लागू होने के बाद वेतन मद में सालाना 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
दो माह से कर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन
निगम की आमदनी कम होने की वजह से समय-समय पर वेतन भुगतान रोक दिया जाता है. यही वजह है कि निगम कर्मियों के साथ साथ दैनिक मजदूरों को फरवरी से वेतन नहीं मिल रहा है. यह स्थिति तब है जब निगम के एकाउंट में पेशाकर के 5.63 करोड़ और पिछले एक माह में होल्डिंग टैक्स से करीब छह करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. राशि उपलब्ध होने के बावजूद वेतन नहीं मिल रहा है.
विकास की अनुदान राशि से कर दिया वेतन भुगतान
216 करोड़ राजस्व वसूलने का रखा है लक्ष्य
निगम प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में होल्डिंग टैक्स से 80 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन, वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक सिर्फ 45 करोड़ रुपये की वसूली की जा सकी है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में होल्डिंग टैक्स से 127 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए निगम प्रशासन ने निजी एजेंसी को जिम्मेदारी दी है. इसके अलावा स्टांप ड्यूटी से दो प्रतिशत, पेशा कर, बैंक एकाउंट में रखे राशि के ब्याज, विज्ञापन व मोबाइल टावर से नवीनीकरण शुल्क आदि से आमदनी होगी.

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