बिहार : भारत माला प्रोजेक्ट में होगा सड़क निर्माण, एनएचएआई बनायेगा नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में सड़क
पटना : सामरिक महत्व के बिहार में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके में दस मीटर सड़क का निर्माण एनएचएआई बनायेगा. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत सड़क निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी है. यह योजना पथ निर्माण विभाग के अधीन है. बिहार सरकार ने सड़क निर्माण को लेकर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को […]
पटना : सामरिक महत्व के बिहार में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके में दस मीटर सड़क का निर्माण एनएचएआई बनायेगा. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत सड़क निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी है. यह योजना पथ निर्माण विभाग के अधीन है.
बिहार सरकार ने सड़क निर्माण को लेकर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा. प्रस्ताव पर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सैद्धांतिक सहमति दी. अब इस सड़क का निर्माण एनएचएआई द्वारा कराये जाने की संभावना है.
मदनपुर से गलगलिया तक बनेगी सड़क : भारत-नेपाल सीमा के समानांतर पथ निर्माण योजना के तहत 552 किलोमीटर दस मीटर चौड़ा सड़क का निर्माण होना है.
बिहार में यह सड़क पश्चिमी चंपारण जिले में यूपी से सटे बॉर्डर इलाके मदनपुर से आरंभ होकर सात जिले पश्चिम चंपारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया से गुजरते हुए किशनगंज के गलगलिया तक जायेगी. नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में सड़क निर्माण का शिलान्यास यूपीए सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने वर्ष 2013 में किया था.
सड़क निर्माण के लिए लगभग तीन हजार एकड़ जमीन की जरूरत है. लगभग दो हजार एकड़ जमीन उपलब्ध हो गयी है. जमीन अधिग्रहण करने का काम राज्य सरकार कर रही है. सड़क निर्माण में केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी है. सड़क निर्माण कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. इसके लिए केंद्र की हिस्सेदारी 1655 करोड़ है. लेकिन सड़क निर्माण में लागत खर्च तीन हजार करोड़ बढ़ने की संभावना है.
सड़क निर्माण का हो रहा काम : पथ निर्माण विभाग के अधीन योजना होने के कारण पहले से सड़क निर्माण का काम हो रहा है. विभागीय सूत्र ने बताया कि 185 किलोमीटर में सड़क निर्माण पर काम चल रहा है. पहले यह सड़क सात मीटर चौड़ा निर्माण होना था. अब इसकी चौड़ाई दस मीटर होगी.
पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में सड़क निर्माण का काम भारतमाला प्रोजेक्ट में होने पर सहमति बनी है. निर्माण का काम एनएचएआई द्वारा होने से काम में तेजी आयेगी. इससे बॉर्डर इलाके में क्षेत्र का विकास होगा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौकसी भी मजबूत होगी.