बिहार : खुले में शौच व गंदे शौचालयों से महिलाएं आ रहीं यूटीआई की चपेट में, ऐसे बचें

पटना : खुले में शौच करना या गंदा शौचालय होना महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. यह दोनों कारण कई बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों व शहरों में काम करने वाली महिलाएं जिन्हें शौचालय की सुविधा नहीं मिल रही है वे साफ-सफाई की खराब व्यवस्था के कारण यूटीआई (यूरिनरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2018 7:26 AM
पटना : खुले में शौच करना या गंदा शौचालय होना महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. यह दोनों कारण कई बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों व शहरों में काम करने वाली महिलाएं जिन्हें शौचालय की सुविधा नहीं मिल रही है वे साफ-सफाई की खराब व्यवस्था के कारण यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) जैसी बीमारी से पीड़ित हो रही हैं.
वहीं शहरी और खास कर कामकाजी महिलाएं गंदे सार्वजनिक शौचालयों के कारण इस समस्या से ग्रस्त हो रही हैं. इस बात का खुलासा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के यूरोलॉजी विभाग में हुआ है. पीड़ित महिलाओं के घरों में या तो शौचालय नहीं है या फिर वे काफी गंदे शौचालय का इस्तेमाल करती हैं.
आईजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग ने किया खुलासा
रोजाना छह से आठ महिलाओं में मिल रहा यूटीआई
बार-बार पेशाब लगना, पेशाब के दौरान जलन, बुखार, बदबूदार पेशाब और पेशाब का रंग हल्का लाल होना और पेट के निचले हिस्से में दबाव महसूस होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. यूटीआई संक्रमण के दोबारा होने की आशंका काफी ज्यादा होती है. 50 प्रतिशत महिलाओं को साल के भीतर दोबारा यह संक्रमण हो जाता है.
महिलाएं यदि यूरिन लगने पर तुंरत टाॅयलेट नहीं जाती हैं, तो यह समस्या होती है. यूरिन रोकने से पथरी भी हो सकती है. शौचालय गंदा है तो उससे भी इन्फेक्शन का खतरा हो जाता है.- डॉ शशि धरण, आईजीआईएमएस
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक है यह रोग
आईजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग में आने वाले मरीजों में छह से आठ ऐसी महिलाएं हैं, जो यूरीनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) से पीड़ित होती हैं.
हालांकि यह रोग पुरुषों में भी होता है, लेकिन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक है. यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि खुले में शौच अथवा गंदे शौचालय का प्रयोग करनेवाली महिलाओं को यह अधिक हो रहा है.
ऐसे बचें यूटीआई से
जैसे ही पेशाब लगे, तुरंत शौचालय जाएं और पेशाब रोकें नहीं
पेशाब के बाद प्राइवेट पार्ट्स की सही तरीके से सफाई जरूर करें
सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल के वक्त सतर्कता बरतें, संक्रमण का मूल कारण यही है.
अगर वेस्टर्न शौचालय है, तो इस्तेमाल करने से पहले उसकी शीट को साफ करें
रोज 10 गिलास पानी जरूर पीएं, अगर बार-बार संक्रमण हो रहा है, तो पानी की मात्रा 10 प्रतिशत बढ़ा दें

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