पटना : बिहार के जर्दालु आम, कतरनी धान और मगही पान को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गयी है. राज्य के इन तीनों विशिष्ट उत्पादों को बौद्धिक संपदा अधिकार के अंतर्गत भारतीय बौद्धिक संपदा के रूप में पंजीकृत किया गया है. 28 मार्च को जियोग्राफिकल इंडीकेशन रजिस्ट्री द्वारा भागलपुरी जर्दालु आम को प्रमाणपत्र संख्या 311, कतरनी धान को प्रमाणपत्र संख्या 312 तथा मगही पान को प्रमाणपत्र संख्या 313 प्रदान किया गया है.
इस संबंध में बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा है कि बिहार के विशेष उत्पाद जर्दालु आम, कतरनी धान और मगही पान को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलना राज्य के लिए गौरव की बात है. इसके लिएसूबे के किसानों और भागलपुर स्थित सबौर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति व वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं. मालूम हो कि करीब चार माह पूर्व केंद्र के पास आवेदन किया गया था. इस अवधि में बिहार के प्रस्ताव के खिलाफ कोई आपत्ति नहीं प्राप्त होने पर बिहार के इन तीनों विशिष्ट उत्पादों को प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया. मंत्री ने कहा कि आनेवाले समय में शाही लीची और मखाना जैसे बिहार के अन्य विशिष्ट उत्पादों को भी भौगोलिक दर्शन में शामिल कराने का प्रयास किया जायेगा.