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बिना ई-वे बिल अब नहीं होगी माल ढुलाई, उड़नदस्ता टीम करेगी जांच, वाणिज्य कर मंत्री ने की ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत

पटना : पूरे देश के साथ ही बिहार में भी ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत रविवार से हो गयी. पुराना सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि अब सूबे में 50 हजार या इससे ज्यादा मूल्य के किसी भी […]

पटना : पूरे देश के साथ ही बिहार में भी ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत रविवार से हो गयी. पुराना सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि अब सूबे में 50 हजार या इससे ज्यादा मूल्य के किसी भी माल की ढुलाई पर ई-वे बिल लेना अनिवार्य कर दिया गया है. फिलहाल इस व्यवस्था को अंतरराज्यीय (राज्य से बाहर या एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच) सामानों के परिवहन पर ही लागू की गयी है. 15 दिन बाद इस व्यवस्था को राज्य के अंदर ढोनेवाले सामान पर भी लागू की जायेगी.

तीन श्रेणी में रखे गये हैं राज्य

ई-वे बिल के लिए सभी राज्यों को तीन श्रेणी में रखा गया है. पहली श्रेणी वाले राज्यों में यह सबसे पहले शुरू होगी, जिनमें कर्नाटक, केरल समेत अन्य राज्य शामिल हैं. इसके 15 दिन बाद दूसरी श्रेणी के राज्यों में यह प्रणाली शुरू होगी, जिसमें बिहार समेत अन्य राज्य हैं. एक महीने बाद तीसरी श्रेणी के राज्यों में यह प्रणाली शुरू की जायेगी. ई-वे बिल प्रणाली एक फरवरी को भी शुरू की गयी थी, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण इसे बंद कर दिया गया. इस बार तमाम खामियों को दूर करते हुए इसे यूजर्स फ्रेंडली बनाकर लांच किया गया है. अब महज नौ कॉलम भरकर ही इसे जेनरेट किया जा सकता है. ई-वे बिल को मोबाइल समेत अन्य किसी भी उपकरण से कहीं से बैठ कर जेनरेट किया जा सकता है.

टर्न ओवर कम बता कर टैक्स कम दे रहे हैं कंपोजिट डीलर

डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में जीएसटी के अंतर्गत निबंधित व्यापारियों की संख्या अभी तीन लाख 25 हजार है. जीएसटी लागू होने के बाद एक लाख 56 हजार नये व्यापारी जुड़े. जबकि, वैट से जीएसटी में शामिल हुए व्यापारियों की संख्या एक लाख 68 हजार है. रेगुलर टैक्स जमाकर्ताओं की संख्या दो लाख 35 हजार है. राज्य में पहले करीब आठ हजार कंपोजिट डीलर थे, अब इनकी संख्या बढ़ कर 90 हजार हो गयी है. बीती तिमाही के दौरान कंपोजिट डीलरों ने अपेक्षाकृत कम भुगतान किया है. इन्होंने औसतन 20 लाख टैक्स दिया है. इससे स्पष्ट पता चलता है कि कंपोजिट डीलर अपना टर्न ओवर कम बता रहे हैं. उन्होंने व्यापारियों से कहा कि ऐसा नहीं करे, नहीं तो विभाग को हस्तक्षेप करना पड़ेगा. सही टैक्स भरे. कुछ मामले ऐसे भी सामने आये हैं, जिनमें बिना बिल के सामान बेचे जा रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जायेगी.

अब उड़नदस्ता से होगी चेकिंग

ई-वे बिल लेकर ढोये जानेवाले सामान की चेकिंग के लिए उड़नदस्ता टीम बनायी गयी है. वाणिज्य कर विभाग की यह टीम किसी वाहन को रास्ते में कहीं भी रुकवा कर ई-वे बिल और सामान की जांच कर सकती है. परंतु, इन्हें 30 मिनट से ज्यादा किसी वाहन को रोक कर चेकिंग नहीं करना होगा. अगर बेमतलब या तंग करने की नीयत से किसी वाहन को ज्यादा देर तक रोका गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए ड्रायवर भी अपने मोबाइल से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. दूसरी तरफ, चेकिंग करने वाले अधिकारियों को भी जांच की स्टेटस रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करनी होगी. इस दौरान वाणिज्य कर विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, सचिव प्रतिमा एस वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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