पटना : अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति संरक्षण अधिनियम को लेकर राजनीति गरमा गयी है. एक ओर विपक्ष जहां दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार दो अप्रैल को समीक्षा याचिका दायर करने जा रही है. ऐसे में भारत बंद का आयोजन करने का क्या मतलब है?
वहीं, जदयू नेता श्याम रजक और केंद्र सरकार में शामिल रालोसपा का एस-एसटी एक्ट को लेकर बुलाये गये भारत बंद को समर्थन दिये जाने के बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति संरक्षण अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सरकार द्वारा समीक्षा याचिका सोमवा को दायर की जायेगी. वहीं, केंद्रसरकार में शामिल लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि दो अप्रैल को आहूत भारत बंद का आयोजन करने का क्या मतलब है? सरकार सकारात्मक समीक्षा याचिका दायर करने जा रही है.
Review petition by the Government against the SC judgement on SC/ST Protection Act shall be filed positively tomorrow, Monday, April 2: Union Minister Ravi Shankar Prasad (File pic) pic.twitter.com/hFl74WEtDV
— ANI (@ANI) April 1, 2018
What is the point of organising a Bharat Bandh tomorrow. The government is positively going to file the Review petition: Ramvilas Paswan, Union Minister on Review petition by the Government against the SC judgement on SC/ST Protection Act pic.twitter.com/sf72nlb1zE
— ANI (@ANI) April 1, 2018
जानें किसने किया समर्थन?
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आहूत भारत बंद का पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने समर्थन किया है. रविवार को दरोगा राय पथ स्थित अंबेदकर भवन में अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि बंद को अभूतपूर्व समर्थन मिलेगा. कई संगठनों ने इस बंद में भाग लेने की सहमति दी है.
हम के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता ई अजय यादव ने कहा कि दलित संगठनों की ओर से सोमवार को प्रस्तावित भारत बंद का हिंदुस्तानी आवाम मोरचा समर्थन कर रही है. दलित उत्पीड़न एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार सही से अपना पक्ष नहीं रख सकी.
पूर्व मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने एसी-एसटी एक्ट को लेकर सोमवार को आहूत भारत बंद का व्यक्तिगत तौर पर नैतिक समर्थन किया है. रजक ने बताया कि आज देश के दलित उद्वेलित हैं. वे अपने को अकेला महसूस कर रहे हैं. सोमवार को सभी दलों के दलित विधायकों से इस मुद्दे पर राय विचार विधानसभा में होगा.
रालोसपा के प्रदेश महासचिव भोला शर्मा ने कहा कि पार्टी ने भारत बंद का नैतिक समर्थन किया है.
एनडीए ने विपक्ष पर बोला हमला
सत्ता की तड़प में जाति और धर्म के सहारे विपक्ष : भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रूंगटा ने कहा कि सत्ता से हटने के बाद कांग्रेस और राजद का केवल एक ही काम रह गया है, ‘‘देश एवं प्रदेश में अशांति की स्थिति पैदा करना’’. अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाये रखने एवं सत्ता की छटपटाहट में कांग्रेस और राजद, जाति एवं धर्म का उन्माद फैलाकर भोली-भाली जनता के बीच वैमनस्यता का विषवमन कर सामाजिक एवं सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का हर हथकंडा अपना रही है. कांग्रेस एवं राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा कई स्थानों पर उत्पात मचाकर एवं लोगों के बीच भ्रम फैलाकर सांप्रदायिक माहौल को बराबर बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि एसी-एसटी एक्ट पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय पर दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान एक ओछी एवं सस्ती राजनीति का उदाहरण है. कांग्रेस एवं राजद के नेता समाज के पिछड़े वर्ग को दिग्भ्रमित कर भड़काने का काम कर रही है.
भारत बंद में राजद के शामिल होने की घोषणा से सहमी है बिहार की जनता : राजीव रंजन
पूर्व विधायक और प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि राजद नेताओं द्वारा सोमवार के भारत बंद में शामिल होने की घोषणा से बिहार की जनता अभी से ही सिहर उठी है. अभी अपने पिछले बंद में इनके लोगों ने जो अराजकता फैलायी थी, उसकी यादें और डर अभी तक लोगों के मन में ताजा है. कोशिश करने पर भी कोई नही भूल सकता कि कैसे कितने मरीजों ने इनकी संवेदनहीनता के कारण जाम में फंस दम तोड़ दिया था. इनके कार्यकर्ताओं ने कितने ही मरीजों को एंबुलेंस से उतार उनसे राजद जिंदाबाद के नारे लगवाने का अमानवीय कार्य भी किया था.उन्होंने कहा कि पूरे देश में राजद ही अकेली ऐसी पार्टी होगी, जो अपने कार्यकर्ताओं द्वारा बंद में फैलायी अमानवीय अराजकता पर माफी मांगने के बजाये उन्हें और ऐसे काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है. राजद का हमेशा ही गुंडागर्दी और अराजकता में विश्वास रहा है. इन्हें लगता है कि इस तरह के कामों से जनता भयभीत होकर इन्हें वोट दे देगी. राजद के युवराजों का पार्टी में प्रभाव बढ़ने से कईयों को लगा था कि शायद राजद में अब कोई परिवर्तन आयेगा, लेकिन इसके ठीक विपरीत राजद में इस तरह के तत्व और ज्यादा हावी हो गये हैं. राजद के नेताओं को अभी भी पता नही चल पा रहा है कि इनके इसी तरह के आचरण के कारण बिहार की जनता का इनसे मोहभंग हो गया है. यह आज भी अपनी उन्मादी राजनीति को छोड़ने के लिए तैयार नही हैं.
रामविलास लड़ रहे दलितों के मान-सम्मान की लड़ाई : संजय पासवान
दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान दलितों के मान-सम्मान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. देश में दलितों, वंचितों, शोषितों, पीड़ितों, अकलियतों को न्याय दिलाने व उनके मान सम्मान की रक्षा, अधिकार दिलाने के लिए उनके साथ खड़े रहनेवाले एक मात्र नेता लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान हैं. एससी-एसटी कानून में हुए बदलाव पर पुनर्विचार याचिका लोक जनशक्ति पार्टी द्वारा दायर किया जा रहा है.