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भारत बंद : बिहार में सामान्य जीवन प्रभावित, हिरासत में लिये गये 3619 बंद समर्थक

पटना: दलित संगठनों के भारत बंद आह्वान के मद्देनजर बिहार में आज सामान्य जनजीवन के प्रभावित हुआ. कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात को बाधित करने, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा जबरन सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों को बंद कराने वाले 3619 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया. अपर पुलिस महानिदेशक […]

पटना: दलित संगठनों के भारत बंद आह्वान के मद्देनजर बिहार में आज सामान्य जनजीवन के प्रभावित हुआ. कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात को बाधित करने, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा जबरन सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों को बंद कराने वाले 3619 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया. अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एसके सिंघल ने बताया कि इस बंदी के दौरान अबतक प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश में कुल 3619 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया. जिनमें मुजफ्फरपुर में 2500, कैमूर में 600, दरभंगा में 484 और पटना में 35 लोग शामिल हैं.

एससी-एसटी अधिनियम का मुद्दा बिहार विधानमंडल में भी गूंजा और इसको लेकर हंगामे के कारण बिहार विधानसभा स्थगित करनी पड़ी तथा इस मामले को विधानसभा में इन समुदायों के सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्यों द्वारा उठाया. बिहार विधान परिषद की आज कार्यवाही शुरू होने राजद सदस्य सुबोध कुमार के इस मामले पर सबसे पहले चर्चा कराये जाने की मांग को कार्यकारी सभापति हारूण रशीद द्वारा अस्वीकृत कर दिये जाने पर राजद सदस्य अपने अपने हाथों में प्लेकार्ड लिए हुए सदन के बीचों बीच आकर नारेबाजी की और कुछ देर बाद सदन से बहिर्गमन कर गये.

राजद सदस्यों के बहिर्गमन करने से पूर्व बिहार विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय का फैसला है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस पक्ष में है कि एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम में किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता नहीं है और चार दिन पहले ही इस बारे में एलान कर दिया तो आज सड़कों पर उतरने की आवश्यकता क्या है. अगर भारत सरकार विरोध करती तो कोई बात होती. सुशील ने राजद पर अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान दलितों के हितों की रक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यही वे लोग हैं जिन्होंने 2003 में पंचायत का चुनाव में दलितों को आरक्षण नहीं दिया तथा जिनके राज में विभिन्न नरसंहारों में दलितों को गाजर मूली की तरह काटा गया. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को धन्यवाद देना चाहेंगे प्रदेश में जब राजग की सरकार बनी तो हम लोगों ने दलितों नहीं बल्कि अतिपिछड़ों को भी पंचायत चुनाव में आरक्षण देने का काम किया.

सुशील मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने आरक्षण खत्म करने का काम किया वे आज हमलोगों पर आरोप लगा रहे हैं. किसी दल की ताकत और हिम्मत नहीं है वह आरक्षण को खत्म कर सके. बाबा साहेब अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की देन है यह आरक्षण, लेकिन जान बूझकर गलत प्रचार और भ्रम पैदा किया जा रहा है. बाद में प्रश्नकाल के साथ सदन की अन्य कार्यवाही सुचारू रूप से चली.

भोजनावकाश के बाद बिहार विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने पर राजद सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे इसको लेकर सदन से बहिर्गमन कर गये. एससी-एसटी अधिनियम को लेकर कई राजनीतिक पार्टियों और विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाये गये भारत बंद के दौरान आज बिहार में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ था. पुलिस सूत्रों के अनुसार बंद समर्थकों ने पटना जंक्शन पर टिकट बुकिंग काउंटर को जबरन बंद करवाने के साथ ट्रेन सेवा को बाधित कर दिया. पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में बंद समर्थकों द्वारा कई कोचिंग संस्थानों को जबरन बंद करावा गया. बंदी के दौरान बिहार के अन्य जिलों दरभंगा, गया, जहानाबाद, बेगूसराय, भोजपुर और अररिया में ट्रेन यातायात को बाधित किये जाने के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई स्थानों पर सड़क यातायात को बाधित किये जाने से सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं.

दरभंगा में बंद समर्थकों ने स्थानीय अदालत परिसर में तोड़फोड़ की तथा गोपालगंज में एक शोरूम के शीशे को तोड़ दिया. पूर्णिया जिला में बंदी में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही तथा नवादा में पटना के मोकामा प्रखंड विकास पदाधिकारी के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा रोहतास में उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई. राजद और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा द्वारा एससी-एसटी अधिनियम को लेकर पटना में मार्च निकाला गया.

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