गाड़ियों के चलने से कंपन, मरम्मत में हो रही दिक्कत

पटना: गांधी सेतु की सुरक्षा और रिहैबिलिटेशन का काम एक साथ चलेगा. एनएचएआइ ने दोनों काम एक साथ चलाने का निर्णय लिया है, हालांकि दोनों काम एक साथ चलने से सेतु पर यातायात बाधित हो रहा है. मालूम हो कि गांधी सेतु के रिहैबिलेटेशन का काम हैदराबाद की कंपनी को दिया गया है. कंपनी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2014 8:07 AM

पटना: गांधी सेतु की सुरक्षा और रिहैबिलिटेशन का काम एक साथ चलेगा. एनएचएआइ ने दोनों काम एक साथ चलाने का निर्णय लिया है, हालांकि दोनों काम एक साथ चलने से सेतु पर यातायात बाधित हो रहा है.

मालूम हो कि गांधी सेतु के रिहैबिलेटेशन का काम हैदराबाद की कंपनी को दिया गया है. कंपनी को गायघाट साइड में दो पायों के बीच 200 मीटर की लंबाई में नयी सतह का निर्माण करना है. कंपनी ने तय समय पर काम पूरा नहीं किया है. एनएचएआइ ने कंपनी को फिलहाल काली सूची में डाल दिया है. शर्त यह है कि कंपनी जब तक गांधी सेतु का काम पूरा नहीं करती है, तब तक बिहार में उसे कोई दूसरा काम नहीं मिलेगा. रिहैबिलेटेशन वर्क के कारण गायघाट साइड में वाहनों को एक ही लेन से गुजरना पड़ रहा है. कंपनी ने पश्चिमी साइड के फुटपाथ को क ाट कर निर्माण का काम शुरू किया है. दूसरे चरण में पश्चिमी साइड की सतह का निर्माण होगा.

लग रहा अधिक समय
पुल पर आवागमन जारी रहने के कारण कंपनी के इंजीनियर और कर्मचारियों को काम पूरा करने में अधिक समय लग रहा है. सतह व फुटपाथ निर्माण के दौरान वाइब्रेशन कम करने में भी अभियंताओं को परेशानी हो रही है. कैंटी लीवर सिस्टम में बने गांधी सेतु से एक हल्की गाड़ी भी गुजरती है, तो पुल में कंपन होने लगता है, हालांकि फुटपाथ और सतह निर्माण के दौरान कंपन कम करने के लिए कंपनी ने चार विशेष यंत्र भी लगा रखे हैं.

विदित है कि गांधी सेतु की 900 मीटर तक सतह की सुरक्षा के लिए एनएचएआइ ने उत्तर की तरफ पांच पायों के बीच वनवे ट्रैफिक लागू की है. दो-दो जगह अप स्ट्रीम में बैरियर लगाये गये हैं. सेतु की सुरक्षा और रिहैबिलेटेशन वर्क एक साथ चलने से एनएचएआइ व वाहनचालकों को परेशानी हो रही है. एनएचएआइ के तकनीकी अभियंताओं ने पुल बंद कर मरम्मत कार्य कराने का प्रस्ताव दिया था, हालांकि उसे स्वीकृति नहीं मिली.

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