पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने के दौरान छात्रों ने नवनिर्वाचितों को शपथ लेने से रोक दिया. चुनाव में धांधली की शिकायत को लेकर छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन का फैसला नहीं आ जाता, तब तक शपथ ग्रहण नहीं कराया जाना चाहिए. शपथ ग्रहण समारोह का विरोध करते हुए नाराज छात्र विश्वविद्यालय की सीढ़ी पर बैठ गये. मौके पर पहुंची पुलिस के साथ छात्रों की नोकझोंक और झड़प भी हुई. छात्रों के उग्र होने पर पुलिस ने लाठियां भी भांजी. छात्रों ने उग्र रूप अख्तियार करते हुए रोड़ेबाजी भी की. इसके बाद बस के शीशे भी तोड़ डाले.
वहीं, पीयू के स्टूडेंट्स वेलफेयर के डीन प्रो एनके झा ने इस संबंध में बताया कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर जांच चलती रहेगी, लेकिन पुरानी प्रक्रिया के तहत नहीं. क्योंकि न्यायालय ने सवाल उठाते हुए ऑफिस ऑर्डर को कैंसिल कर दिया है. अब मामला ग्रिवांस सेल में जायेगा और प्रॉपर चैनल से होते हुए कुलपति के पास मामला जायेगा. इसके बाद सर्वसम्मति से विवि प्रशासन निर्णय लेगा. पिछली बार गलती हुई थी कि कुलपति के द्वारा सीधे कमेटी का गठन कर उसके आधार पर निर्णय लिया गया था, जिसे कोर्ट में चैलेंज किया गया था. फिलहाल अब सभी लोग शपथ लेंगे और अगर बाद में वे दोषी पाये जाते हैं, तो उन पर फिर कानून सम्मत और नियमानुसार कार्रवाई होगी.
हाईकोर्ट ने दिव्यांशु के निर्वाचन को ठहराया था वैध
पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक ही अवधि में दो विश्वविद्यालय में नामांकन लेने के आधार पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज के निर्वाचन को रद्द कर दिया था. हालांकि, हाईकोर्ट ने दिव्यांशु भारद्वाज के निर्वाचन को वैध ठहराया. न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने दिव्यांशु भारद्वाज की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए विश्वविद्यालय के आदेश को निरस्त करते हुए दिव्यांशु के पटना यूनिवर्सिटी के पीजी कोर्स में दाखिले को सही माना था.
क्या है मामला
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज की डिग्री की जांच को लेकर सवाल उठाये गये था. इसके बाद कुलपति प्रो रासबिहारी प्रसाद सिंह के निर्देश पर प्रोवीसी प्रो डॉली सिन्हा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गयी थी. प्रो डॉली सिन्हा, सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो श्रीकांत सिंह और भूगर्भशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो कृतेश्वर प्रसाद की कमेटी ने कुलपति को सौंपी जांच रिपोर्ट में एक ही अवधि में पटना विवि और हिमालयन विवि, ईटानगर में नामांकन के लिए नवनिर्वाचित अध्यक्ष को दोषी ठहराया था. जांच रिपोर्ट के आधार पर पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज के निर्वाचन को रद्द कर दिया था.