कांग्रेस ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया, राहुल गांधी बहा रहे हैं घड़ियाली आंसू : पासवान

पटना : केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री तथा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने आरक्षण के साथ एससी-एसटी अधिनियम को भी संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की वकालत की है. लोजपा के प्रदेश मुख्यालय में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए रामविलास ने कहा कि आरक्षण के साथ एससी-एसटी अधिनियम को भी संविधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2018 10:32 PM

पटना : केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री तथा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने आरक्षण के साथ एससी-एसटी अधिनियम को भी संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की वकालत की है. लोजपा के प्रदेश मुख्यालय में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए रामविलास ने कहा कि आरक्षण के साथ एससी-एसटी अधिनियम को भी संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किये जाने का वे स्वागत करेंगे.

रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करते हैं कि सरकार को जो भी कदम उठाना होगा, वह उठाएगी और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम या आरक्षण का मामला हो, उसको हम खत्म नहीं होने देंगे. रामविलास ने एससी-एसटी के हितों की रक्षा के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आज के अनशन को घड़ियाली आंसू बहाने की संज्ञा देते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल के राजघाट पर अनशन में शामिल होने के पूर्व कांग्रेस के नेताओं द्वारा छोले-भटूरे खाकर उपवास में शामिल होना बापू के सत्याग्रह का अपमान है. रामविलास ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर से नफरत थी और उनके खिलाफ दो बार उन्होंने उम्मीदवार खड़े किये थे.

अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल में दियेगये निर्देश पर लोजपा द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगर ऐसा कर सकती है तो कांग्रेस, बसपा और राजद ने ऐसा क्यों नहीं किया. यह पूछे जाने पर कि अनुसूचित जाति-जनजाति के हितों की रक्षा को लेकर राहुल और उनकी पार्टी के अनशन को वे किस रूप में लेते हैं, रामविलास ने कहा कि 48 महीने से देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार है और 48 साल तक कांग्रेस का शासन रहा. आप हिसाब दो कि 48 साल में आपने क्या किया.

पासवान ने कांग्रेस से चार सवाल पूछते हुए कहा कि उसने पुनर्विचार याचिका क्यों नहीं दायर किया, निजी क्षेत्र में दलित और आदिवासी के लिए आरक्षण को लेकर उसका क्या नजरिया है, प्रोन्नति में आरक्षण होना चाहिए या नहीं तथा न्यायपालिका में बहाली में आरक्षण पर उसके विचार क्या हैं. उन्होंने कहा कि अगर वीपी सिंह सरकार अपने नौ महीने के कार्यकाल के दौरान दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा हितैशी इमेज बना सकती है तो हमारी सरकार क्यों नहीं बना सकती है.

राजद के उस आरोप कि दलित समुदाय से आने वाले जीतन राम मांझी को जदयू द्वारा मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया, के बारे में पूछे जाने पर रामविलास ने कहा कि बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव यह घोषणा करें कि भविष्य में उनकी सरकार अगर बनी तो वे स्वयं मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे बल्कि राजद द्वारा मांझी जी को मुख्यमंत्री बनाया जायेगा तब यह पता चलेगा कि उन्हें दलित से बहुत प्रेम है.

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