पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में होटल टेंडर घोटाला मामले में उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके पुत्र एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से सीबीआई की टीम ने आज पूछताछ की.10, सकुर्लर रोड स्थित राबड़ी के आवास पहुंची सीबीआई की टीम ने हालांकि इस बाबत कुछ भी नहीं बताया, लेकिन अपुष्ट रिपोर्टों के अनुसार, उक्त एजेंसी की सात सदस्यीय टीम ने राबड़ी और तेजस्वी से करीब चार घंटे तक पूछताछ की.
लालू वर्तमान में करोड़ों रुपये के चारा घोटाला से जुड़े मामलों में सजा काट रहे हैं. इस बीच राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने राबड़ी और तेजस्वी से सीबीआई द्वारा की जा रही इस पूछताछ की निंदा करते हुए कहा कि कितना नीचे उतर सकते हैं लोग. लालू परिवार बेटे की शादी की तैयारियों में व्यस्त है और उनके घर सीबीआई छापा मार रही है. संयोग है या और कुछ, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों बिहार में एक साथ हैं और छापेमारी हो रही है.
वहीं राजद विधायक एजया यादव ने सीबीआई की इस कवायद को दुर्भावनापूर्ण और व्यर्थ बताते हुए कहा कि तेजस्वी ने सीबीआई और ईडी को चुनौती दी है कि अगर उनके और उनके परिवार के खिलाफ कोई भी बात सामने आती है तो वे आरोप पत्र दाखिल करे. जबकि, राजद प्रवक्ता और विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा कि लालू और उनके परिवार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को पूरा देश दुर्भावनापूर्ण मान रहा है. लालू जेल में हैं और खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें नयी दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का विवाह होने वाला है.
नयी दिल्ली से दोपहर को राबड़ी आवास पहुंची सीबीआई की विशेष टीम
पटना के 10 सर्कूलर रोड स्थित उनके आवास पर सीबीआई की विशेष टीम नयी दिल्ली से दोपहर को पहुंची और मुख्य रूप से राबड़ी देवी से करीब चार घंटे पूछताछ की. इस दौरान मौजूद उनके बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी करीब एक घंटे तक पूछताछ की गयी है. प्राप्त सूचना के अनुसार, सीबीआई की टीम वापस दिल्ली लौट गयी है.
जल्द दायर हो सकती है चार्जशीट
यह पूछताछ रेल टेंडर घोटाला मामले में की गयी है, जिसमें राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत आठ मुख्य लोगों को सीबीआई ने नामजद आरोपित बनाते हुए एफआईआर दर्ज की है. इस मामले की जांच सीबीआई ने काफी हद तक पूरी कर ली है और जल्द ही इसमें चार्जशीट दायर हो सकती है.
दूसरी बार राबड़ी के आवास पर सीबीआई ने दी दस्तक
यह दूसरा मौका है, जब रेल टेंडर घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम पटना में राबड़ी देवी के आवास पर आकर दस्तक दी है. इससे पहले अक्तूबर, 2017 में सीबीआई की विशेष टीम ने राबड़ी देवी के आवास पर करीब 10 घंटे तक छापेमारी की थी.
पांच बार बुलाने पर भी नहीं गयी थीं राबड़ी
इससे पहले रेल टेंडर घोटाला मामले में लालू प्रसाद समेत अन्य सभी आरोपितों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. सिर्फ राबड़ी देवी ही सीबीआई की पूछताछ से बची हुई थीं. उनसे भी पूछताछ करने के लिए पांच बार नोटिस जारी करके उन्हें नयी दिल्ली बुलाया जा चुका है, लेकिन वह एक बार भी सीबीआई के समक्ष हाजिर नहीं हुईं. इसके बाद अंत में सीबीआई ने पटना आकर उनके आवास पर ही पूछताछ करने का निर्णय लिया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी है. पूछताछ करने की इस प्रक्रिया को अंजाम देने से पहले सीबीआई ने राबड़ी देवी को बकायदा इसकी जानकारी दे रखी थी.
तमाम बातों की जानकारी देने के बाद ही सीबीआई ने यह कार्रवाई की है. इससे पहले के भी कई मामलों में महिला आरोपितों से पूछताछ करने के लिए सीबीआई उनके घर जा चुकी है. दरअसल 10 अप्रैल को सीबीआई का स्थापना दिवस है. इस मौके पर यह बड़ी कार्रवाई की गयी है. हालांकि दोनों का कोई आधिकारिक रूप से तालमेल नहीं है.
दर्जनों प्रश्न किये गये राबड़ी देवी से
राबड़ी से दर्जनों कठिन सवाल पूछे गये
सीबीआई की करीब सात सदस्यीय टीम ने राबड़ी देवी से सामान्य से लेकर कुछ जटिल स्तर के दर्जनों प्रश्न किये. इस दौरान नाश्ता करने से लेकर चाय पीने और पिलाने का सिलसिला चला. प्रश्नों की पूरी श्रृंखला में सबसे पहले पूछा गया कि क्या आप इस घोटाले के बारे में जानती थी. दलाली में लिये गये रुपये का क्या उपयोग या निवेश कहां-कहां किया गया. जिस शेल कंपनी के नाम पर रुपये ट्रांसफर किये गये हैं, उसमें वह निदेशक हैं. इस बारे में वह क्या जानती हैं. क्या उनकी जानकारी में ही पूरे पैसे का लेन-देन और हेरफेर हुआ है. उन्हें जिस शेल कंपनी का निदेशक बनाया गया था, इसकी जानकारी उन्हें दी गयी थी या नहीं. इस तरह के अन्य कई सवालों से उन्हें गुजरना पड़ा, लेकिन अधिकतर में उनका जवाब नहीं या कुछ नहीं जानते में ही था. हालांकि सीबीआई की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है.
आठ नामजद आरोपी हैं इसमें
लालू प्रसाद के रेल मंत्री के कार्यकाल में रेल होटल टेंडर घोटाला हुआ था, जिसमें आठ लोग तात्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद , पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव, सरला गुप्ता (राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी), पीके गोयल (तत्कालीन एमडी, आइआरसीटीसी), बिनय कोचर और विजय कोचर (सुजाता होटल एवं चाणक्य होटल के मालिक) के अलावा दिल्ली स्थित लारा प्रोजेक्ट एलएलपी एवं डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े अन्य प्रमुखों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
यह है पूरा घोटाला
जांच में यह बात सामने आयी है कि मई 2004 में लालू प्रसाद ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रेलवे की पुरी और रांची स्थित रेल रत्न होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को कर दिया था. इसके बदले में मिले करोड़ों रुपये की जमीन और जायदाद को शेल कंपनी लारा प्राइवेट लिमिटेड (पहले इसका नाम डिलाइट मार्केटिंग था) के नाम पर ट्रांसफर किये गये थे. इस कंपनी की निदेशक राबड़ी देवी और तेजस्वी प्रसाद हैं. इस वजह सीबीआई की जांच की जद में ये भी आ गये हैं.