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बिहार : जेईई एडवांस ऑनलाइन परीक्षा लिये जाने को लेकर हाईकोर्ट ने आईआईटी बोर्ड से मांगा जवाब

पटना : आईआईटी (जेईई ) एडवांस परीक्षा को केवल ऑनलाइन किये जाने की नीति पर केंद्र सरकार व आईआईटी परीक्षा बोर्ड से पटना हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने नरेंद्र प्रसाद की रिट याचिका पर अधिवक्ता शेखर सिंह और अधिवक्ता शांतनु कुमार को सुनने के बाद यह निर्देश दिया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2018 7:58 AM
पटना : आईआईटी (जेईई ) एडवांस परीक्षा को केवल ऑनलाइन किये जाने की नीति पर केंद्र सरकार व आईआईटी परीक्षा बोर्ड से पटना हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.
न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने नरेंद्र प्रसाद की रिट याचिका पर अधिवक्ता शेखर सिंह और अधिवक्ता शांतनु कुमार को सुनने के बाद यह निर्देश दिया. अदालत ने आईआईटी संयुक्त परीक्षा बोर्ड से पिछले वर्ष लिये गये (जेईई) एडवांस ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षाओं को देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या के साथ ही उन परीक्षाओं में पास हुए अभ्यर्थियों का अनुपातिक आंकड़ा पेश करने का निर्देश दिया है.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि पिछले साल तक दोनों तरीके से जेईई की दोनों परीक्षा ली जाती थी. वर्ष 2017 में आईआईटी परीक्षा बोर्ड ने यह निर्णय लिया कि (जेईई) एडवांस परीक्षा केवल ऑनलाइन ही ली जायेगी.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऑफलाइन परीक्षा गरीब किंतु मेधावी परीक्षार्थी भी देते आ रहे हैं. उन्हें कंप्यूटर की दक्षता में कमी है या जिनके पास कंप्यूटर उपयोग करने का पर्याप्त साधन नहीं है. ऐसी परिस्थिति में आगामी 20 मई को होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा में कम कंप्यूटर दक्षता वाले मेधावी व गरीब अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी हो सकती है.
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई 13 अप्रैल शुक्रवार को निर्धारित की है. इस बीच केंद्र सरकार को भी यह जवाब देना है कि आईआईटी परीक्षा बोर्ड के उस निर्णय को लेते वक्त भारत सरकार के मानव संसाधन विभाग को जानकारी देकर उससे सहमति ली गयी थी या नहीं. साथ ही संयुक्त परीक्षा बोर्ड को इस संबंध में पूरी जानकारी देनी है.

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