पटना : बिहार विधान परिषद के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में सीटों को लेकर सहमति बन गयी है. जानकारी के मुताबिक भाजपा ने जदयू के साथ बातचीत के बाद इस तालमेल पर दोनों दलों ने मुहर लगा दी है. बताया जा रहा है कि भाजपा ने अपनी तीसरी सीट जदयू को सौंप दिया है. अब जदयू के पास चार सीटें होंगी और इन चार सीटों पर जदयू के उम्मीदवार विधान परिषद का रास्ता तय करेंगे.
बिहार विधान परिषद में 6 मई, 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित 11 सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो रही है. रिटायर होने वालों में जदयू के सर्वाधिक छह, भाजपा के चार और राजद की एक सदस्य हैं. जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, उपेंद्र प्रसाद, राजकिशोर सिंह कुशवाहा तथा भाजपा के सत्येंद्र नारायण सिंह व लाल बाबू प्रसाद भी रिटायर होने वाले सदस्यों में शामिल हैं. छह जनवरी, 2016 को अयोग्य करार दिये गये तत्कालीन जदयू सदस्य नरेंद्र सिंह की एक सीट की सदस्यता अवधि भी छह मई, 2018 को ही समाप्त हो रही है.
निर्वाचन विभाग के मुताबिक अभ्यर्थियों के नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 17 अप्रैल को होगी, जबकि 19 अप्रैल तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 11 सीटों के मुकाबले 11 अभ्यर्थियों के ही नामांकन होने पर निर्वाचन की नौबत नहीं आयेगी. नामांकन वापसी के अंतिम दिन ही सभी 11 को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जायेगा. 11 से अधिक उम्मीदवार होने की स्थिति में 26 अप्रैल को चुनाव कराया जायेगा. मतदान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा.
इससे पहले विधान परिषद चुनाव के लिए राजद ने अपने हिस्से के चारों प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं. इसमें कुछ दिनों पहले एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल हुए जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी को जगह मिली है. राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे, सैयद खुर्शीद मोहसिन और संतोष मांझी को प्रत्याशी बनाया गया है. संतोष पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पुत्र हैं. राबड़ी का कार्यकाल छह मई को खत्म हो रहा था.
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