पटना : दो केंद्रीय मंत्रियों ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए उच्च न्यायपालिका में आरक्षण बढ़ाये जाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है. केंद्रीय मंत्री और राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि यह उनकी मांग पर जोर देने के लिए आंदोलन शुरू करने का सही समय है. उन्होंने यहां भीमराव अंबेडकर की जयंती पर दलित सेना के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं लोजपा प्रमुख की हैसियत से बोल रहा हूं कि हमें न्यायपालिका में आरक्षण हासिल करने के लिए आंदोलन शुरू करना चाहिए.’ पासवान ने बिहार में निचली और उच्च न्यायिक सेवाओं में आरक्षण लाने के लिए नीतीश कुमार सरकार की सराहना की.
Ideally, there should be a reservation in Indian Judiciary but if we demand this the Supreme Court will say it is unconstitutional, so Indian Judicial service should be set up. Let there be a competitive exam: Ram Vilas Paswan, Union Minister pic.twitter.com/q9drjf0Sec
— ANI (@ANI) April 15, 2018
वहीं, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश में आरक्षण खत्म करने की बात कोई भी नहीं सोच सकता है. कार्यक्रम में मौजूद कुशवाहा ने कहा, ‘‘हम अधिक आरक्षण की मांग करेंगे. हम अपना मिशन पूरा होने तक नहीं रुकेंगे, ‘ये दिल मांगे मोर.’ उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को एक प्रणाली बनानी ,चाहिए जहां गरीब लोग उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बन सकें.