बिहार : भाजपा के उपाध्यक्ष बोले, सीतामढ़ी में बनेगा भव्य सीता मंदिर, सीएम ने आग्रह स्वीकारा
नयी दिल्ली : बिहार के सीतामढ़ी में मौजूद ‘सीता मंदिर’ का पुनरुद्धार कर उसे भव्य रूप दिया जायेगा और यह पहल बिहार सरकार व पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से ‘रामायण सर्किट’ के तहत आगे बढ़ायी जायेगी. भव्य सीता मंदिर के निर्माण के विषय को सात वर्षों से आगे बढ़ा रहे भाजपा के उपाध्यक्ष प्रभात झा […]
नयी दिल्ली : बिहार के सीतामढ़ी में मौजूद ‘सीता मंदिर’ का पुनरुद्धार कर उसे भव्य रूप दिया जायेगा और यह पहल बिहार सरकार व पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से ‘रामायण सर्किट’ के तहत आगे बढ़ायी जायेगी. भव्य सीता मंदिर के निर्माण के विषय को सात वर्षों से आगे बढ़ा रहे भाजपा के उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का आग्रह स्वीकार कर लिया है.
उन्होंने कहा कि मां जानकी की प्राकट्य स्थली बिहार के सीतामढ़ी के पास पुनौरा धाम में है. मैंने व जगतगुरु रामभद्राचार्य ने सीएम से आग्रह किया था कि वे पुनौरा धाम का जीर्णोद्धार वैशाली और नालंदा की तर्ज पर शुरू करें. पुनौरा धाम में 17 अप्रैल को जानकी महोत्सव शुरू हो रहा है जिसमें बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शामिल होंगे. 24 अप्रैल को सीएम पुनौरा धाम आयेंगे.
इस दौरान ‘मां जानकी मंदिर’ से जुड़ी योजना की घोषणा करेंगे. झा ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘बुद्ध सर्किट’ की तर्ज पर ‘सीता सर्किट’ बनाये जाने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 175 किमी दूर नुवारा एलिया में भी भव्य सीता अम्मा मंदिर है. यह इलाका श्रीलंका के लोकप्रिय पर्यटन केंद्रों में से एक है.
अयोध्या-जनकपुर वाया सीतामढ़ी सीधी सड़क
सीतामढ़ी सांसद रामकुमार शर्मा ने कहा कि इस कार्ययोजना को आगे बढ़ाने के साथ ही पवित्र स्थल का कायाकल्प भी किया जायेगा. मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान किया जायेगा. शर्मा के मुताबिक अयोध्या से सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए सीधी सड़क योजना को मंजूरी मिल गयी है. अयोध्या से सीतामढ़ी से होते हुए जनकपुर तक जाने वाली इस सड़क को राम जानकी सड़क के रूप में जाना जायेगा.
पुनौरा धाम-जानकी स्थान जुड़ेंगे इस सर्किट से
रामायण काल से जुड़े स्थलों को विकसित करने के लिये ‘रामायण सर्किट’ योजना को भी केंद्र सरकार से मंजूरी मिली है और जिन रास्तों पर भगवान राम चले थे, उन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है.
बिहार पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक रामायण सर्किट से जुड़ने के बाद जिले के उपेक्षित स्थलों का जीर्णोद्धार किया जायेगा . इसके तहत पुनौरा धाम, जानकी स्थान, हलेश्वर स्थान व पंथपाकर को भी रामायण सर्किट से जोड़ा जायेगा.