बिहार : नवंबर से पटना सहित गया, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर में सरकारी आउटलेट पर मिलेगी सब्जी
पटना : राज्य व राज्य के बाहर कुछ चुनिंदा शहरों में सरकारी आउटलेट पर नवंबर से हरी सब्जी मिलनी शुरू हो जायेगी. इस योजना पर काम करने वाली तकनीकी टीम जल्द ही काम संभाल लेगी. सरकार सुधा दूध की तरह सब्जी का न सिर्फ कलेक्शन करेगी, बल्कि राज्य के बड़े शहरों व व देश के […]
पटना : राज्य व राज्य के बाहर कुछ चुनिंदा शहरों में सरकारी आउटलेट पर नवंबर से हरी सब्जी मिलनी शुरू हो जायेगी. इस योजना पर काम करने वाली तकनीकी टीम जल्द ही काम संभाल लेगी. सरकार सुधा दूध की तरह सब्जी का न सिर्फ कलेक्शन करेगी, बल्कि राज्य के बड़े शहरों व व देश के कुछ चुनिंदा शहरों में आउटलेट पर सब्जियां बेचेंगी. पूरे प्रोजेक्ट पर 487 करोड़ खर्च होंगे. चालू वित्तीय वर्ष में इसके लिए सहकारिता विभाग ने अपने बजट में 50 करोड़ का प्रावधान किया है.
राज्य सरकार सब्जी उत्पादक किसानों की सुविधा के लिए सहकारी समितियों का गठन कर रही है. इसके लिए प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर समिति व राज्य स्तर पर सब्जी उत्पादकों का फेडरेशन बनेगा.पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के पांच जिलों पटना, बेगूसराय, नालंदा, वैशाली और समस्तीपुर में इस पर काम शुरू हो गया है. इन जिलों के 97 ब्लाॅक में से 83 में समिति गठित हो चुकी है. इन क्षेत्रों में सब्जी की खेती बड़े पैमाने की जाती है. सहकारिता विभाग पूरे प्रोजेक्ट को सरजमीन पर उतारने में लगा है.
बिहार सब्जी उत्पादन में अभी तीसरे स्थान पर है. सरकार पहले स्थान पर आने का प्रयास कर रही है. सरकार सब्जी उत्पादकों के हितों के लिए सहकारी समिति व फेडरेशन बना रही है. इसके माध्यम से किसानों से सब्जी खरीद कर उसकी बिक्री की जायेगी. नवंबर से आउटलेट पर सब्जी की बिक्री शुरू हो जायेगी.
राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री
मुख्यमंत्री का है ड्रीम प्रोजेक्ट
आधारभूत संरचनाओं का होगा निर्माण : सब्जी उत्पादकों की हर प्रखंड में सहकारी समिति बनेगी, सब्जी उत्पादकों के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण होगा. अधिक दिन तक सब्जी ताजा रहे इसके लिए कोल्ड चेन के तहत कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा.
हाट का निर्माण होगा, जहां किसान अपनी सब्जी बेच सकेंगे. यहां पर सब्जियों के शार्टिंग और ग्रेडिंग की व्यवस्था होगी. इस व्यवस्था का बड़ा लाभ होगा कि किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत मिलेगी.
सब्जियों का प्रसंस्करण और उसकी बिक्री मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. पूरा सिस्टम कंंफेड की तरह होगा. जिस तरह सुधा दूध का कलेक्शन, उसका प्रसंस्करण और वितरण होता है उसी तर्ज पर सब्जियों का भी कलेक्शन, प्रसंस्करण और वितरण होगा. सब्जी उत्पादकों के लिए तीन स्तरों पर पहले प्रखंड उसके बाद जिला स्तर पर समिति बनेगी. राज्य स्तर पर फेडरेशन बनेगा. फेडरेशन ही हरी सब्जी की बिक्री करेगा.
इसके लिए जगह-जगह आउटलेट खुलेंगे. जिन पांच जिलों में यह प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है उन जगहों पर तो सब्जी की बिक्री होगी ही इसके अलावा राज्य के बड़े शहरों पटना सहित गया, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व अन्य जिलों में सब्जी बिक्री के लिए आउटलेट खुलेंगे. इसके अलावा दिल्ली, बेंगलुरु सहित अन्य प्रमुख शहरों में आउटलेट खुलेंगे.