पटना : कम्फेड के 35वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के बुरे दिनों में भी कम्फेड का परचम लहराता रहा है. प्रयास किया जाये तो अगले एक साल में कम्फेड हरियाणा को पीछे छोड़ कर 9वें स्थान से 8वें स्थान पर आ जायेगा. विगत 35 वर्षों में सुधा के उत्पाद ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुके हैं. देशी नस्ल के पशुओं के विकास व संरक्षण की आवश्यकता है. महिलाओं की सहभागिता से इस आंदोलन को आने वाले दिनों में और गति मिलेगी. दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को अनाज के साथ हरा चारा के उत्पादन पर भी ध्यान देना होगा.
सुशील मोदी ने कहा कि देशी नस्ल के पशुओं के संरक्षण-संबर्द्धन के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से डुमरांव में एक केंद्र की स्थापना की जा रही है. जिससे आने वाले दिनों में बिहार को काफी लाभ मिलेगा. विदेशी नस्ल के पशुओं को पालने में कोई हर्ज नहीं है, मगर गर्मी के दिनों में उसकी देखभाल में परेशानी होती है. दुधारू पशुओं के लिये हरा चारा की जरूरत होती है. कम्फेड चारा बीज उपलब्ध करा रहा है, इसलिए किसानों को चारा उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देना चाहिए.
कम्फेड की प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि पावडर बनाने के लिए 2005 में बिहार से रायबरेली दूध भेजा जाता था मगर अब कम्फेड की खुद की उत्पादन क्षमता 62 मे. टन से बढ़ कर 122 मे. टन, आइसक्रीम की 3 हजार से बढ़ कर 43 हजार मे. टन, चमचम (मिठाई) की 17 मे. टन से बढ़कर 417 मे. टन तथा टेट्रा पैक दूध की 24 लाख 45 हजार लीटर तथा पशु चारा की उत्पादन क्षमता 310 मे. टन से बढ़ कर 460 मे. टन हो गयी है.
तीसरे कृषि रोड मैप में अगले पांच साल में दूध संग्रहण के लक्ष्य को प्रति दिन 16 लाख लीटर से बढ़ा कर 26 लाख लीटर तथा दूध प्रसंस्करण को 33 लाख ली. से बढ़ा कर 50 लाख लीटर करने का लक्ष्य तय किया गया है.