बिहार : मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित विधान परिषद के 11 निर्वाचित सदस्यों को आज मिलेगा प्रमाणपत्र

पटना : बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए निर्वाचित होनेवाले सदस्यों को गुरुवार को प्रमाणपत्र दे दिया जायेगा. गुरुवार को नामांकन करनेवाले प्रत्याशियों के नाम वापसी की अंतिम तिथि है. विधान परिषद की 11 सीटें रिक्त हो रही हैं और नामांकन करनेवाले सदस्यों की संख्या भी इतनी ही है. ऐसे में सभी सदस्यों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2018 7:38 AM
पटना : बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए निर्वाचित होनेवाले सदस्यों को गुरुवार को प्रमाणपत्र दे दिया जायेगा. गुरुवार को नामांकन करनेवाले प्रत्याशियों के नाम वापसी की अंतिम तिथि है. विधान परिषद की 11 सीटें रिक्त हो रही हैं और नामांकन करनेवाले सदस्यों की संख्या भी इतनी ही है. ऐसे में सभी सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है.
बिहार विधानसभा के सचिव को इस चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है. नाम वापसी की समय सीमा पूरी होने के बाद इन सभी निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों को प्रमाणपत्र दिया जायेगा.
जिन सदस्यों को विधान परिषद सदस्य के रूप में प्रमाणपत्र दिया जायेगा, उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, डाॅ रामचंद्र पूर्वे, संजय पासवान, प्रेमचंद मिश्र, रामेश्वर महतो, खालिद अनवर, खुर्शीद मोहसिन और संतोष कुमार सुमन के नाम शामिल हैं.
मुख्यमंत्री रहते हुए तीसरी बार विप के लिए निर्वाचित होंगे नीतीश
मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए तीसरी बार विधान परिषद के सदस्य के रूप में चुने जायेंगे नीतीश कुमार. वह पहले ऐसे सदस्य नहीं हैं जो विधान परिषद का सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री बने हैं. इसके पहले महामाया प्रसाद, भागवत झा आजाद, सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा, लालू प्रसाद और राबड़ी देवी विधान परिषद की सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री बने थे.
निर्वाचित होनेवाले छह नये चेहरे पहली बार परिषद में रखेंगे कदम : बिहार विधान परिषद में निर्वाचित होनेवाले कुल 11 सदस्यों में छह नये चेहरे हैं, जो पहली बार सदन में कदम रखेंगे.
विधान परिषद में पहली बार कदम रखनेवालों में संजय पासवान, प्रेमचंद मिश्र, रामेश्वर महतो, खालिद अनवर, खुर्शीद मोहसिन और संतोष कुमार सुमन शामिल हैं. हालांकि, डॉ रामचंद्र पूर्वे को लंबे समय के बाद फिर से विधान परिषद में लौटने का मौका मिलेगा.

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