पटना : राज्यस्तरीय कौशल प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘स्किल इंडिया’ का सपना ‘स्किल बिहार’ के बिना पूरा नहीं हो सकता है. बिहार की आधी आबादी (15-65 आयु वर्ग) कार्यशील है. इनमें 15-30 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 2 करोड़ से ज्यादा है. कभी अधिक आबादी अभिशाप माना जाता था मगर इस समय बिहार की कार्यशील आबादी बिहार सहित पूरे देश के लिए वरदान है. देश के दक्षिण-पश्चिम के राज्यों में कार्यशील आबादी की संख्या तेजी से घट रही है.
उन्होंनेकहा कि अगर बिहार के युवा उन राज्यों में नहीं जाएं तो उनका विकास कार्य बाधित होगा. बिहार को अपनी इस कार्यशील आबादी का लंबे समय तक लाभ मिलेगा.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के इन्हीं युवा आबादी को हूनरमंद बनाने के लिए सरकार ने हर जिले में पाॅलिटेक्निक संस्थान, महिला आईटीआई, प्रत्येक अनुमंडल में आईटीआई तथा प्रखंडों में एक से अधिक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है. पिछले वर्ष राज्य में 9 महिला आईटीआई के साथ 18 नए आईटीआई खोले गए हैं. फिलहाल सरकारी क्षेत्र में 30 महिला आईटीआई के साथ 121 आईटीआई कार्यरत है.
उन्होंने कहा कि युवाओं के प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार के 15 विभागों के अंतर्गत 107 पाठ्यक्रम निर्धारित किए गए हैं. पूरे राज्य में 1638 केवाईपी प्रशिक्षण केन्द्र के जरिए युवाओं में कौशल विकास किया जा रहा है. सरकार की सोच है कि युवाओं के हाथ में अगर हुनर होगा तो उन्हें देश में कहीं भी रोजी-रोटी कमाने से कोई रोक नहीं सकता है.
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