पटना. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोशल मीडिया का विरोधी बताया है. सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सरकारी पैसे से अपनी छवि चमका रहे हैं. वह विज्ञापन के दम पर सुशासन बाबू बने हुए हैं. मुख्यधारा की मीडिया को सरकारी प्रचार छीन लेने का डर दिखाकर मीडिया रिपोर्टों को अपने पक्ष में करवा रहे हैं. मीडिया में विपक्ष की आवाज को लगभग दबा दिया गया है। नेता विरोधी दल के बयानों के प्रकाशन में भी बाधा बन रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री आजकल स्वयं से खफा चल रहे हैं. कब, क्या और क्यों बोल रहे हैं इसका उन्हें आभास ही नहीं रहता. उनकी सोशल मीडिया को लेकर झुंझलाहट और खीझ सबको समझ में आती है. नीतीश जी कुछ मीडिया को मैनेज करके ही अपना महिमामंडन करवाते आए हैं. सोशल मीडिया ने उनको वास्तविकता दिखा दी है, इस कारण उनकी नफरत स्वाभाविक है. सोशल मीडिया चलाने वाले गांव-देहात के ही लोग है कोई मंगल ग्रह से आये हुए लोग नहीं. इसलिए उनकी आलोचना करने से पहले अपनी सरकार की नाकामियों को पहचाने.
नेता प्रतिपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश की आलोचना करते हैं लेकिन मीडिया रिपोर्ट में सेंसर करा देते हैं. हम नीतीश कुमार लिखते है तो सुबह अखबारों में जदयू लिखा पाया जाता है. मुख्यमंत्री व सरकार विरोधी बयानों को नीतीश कुमार के अधीन सूचना एवं जनसंपर्क के अधिकारी फोन पर दुरुस्त करवाते है. नीतीश कुमार क्यों भूल जाते है राजद सबसे बड़ी पार्टी है उसकी कितनी खबर दबायेंगे. सोशल मीडिया एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक मीडिया है. यहां हर नागरिक एक पत्रकार है, आलोचक है, एडिटर है और मत निर्माता है.
तेजस्वी ने कहा कि सोशल मीडिया में विज्ञापन का लोभ नहीं चल सकता. मुख्यमंत्री, आप हेलीकॉप्टर में घूमने वाले नेता है. वास्तविकता के धरातल से आप की भेंट करवाने वाले सोशल मीडिया से आपकी नफरत स्वाभाविक है. नेता प्रतिपक्ष ने मुजफ्फरपुर के एसपी की कार्रवाई को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कई अन्य अफसरों को बचाने का आरोप लगाया है.
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