पटना : राष्ट्रमंच के बैनर तले पटना में गैर भाजपा दलों के साथ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पहले ही सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था और अब वह दलगत राजनीति से संन्यास ले रहे हैं. उन्होंने शनिवार को राजधानी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वह इस मंच से घोषणा करते हैं कि वह किसी पार्टी के साथ नहीं जुड़े रहेंगे, लेकिन देशहित के मुद्दे पर पूरे देश में घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करेंगे. यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि एक साजिश के तहत गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव एक साथ नहीं कराये गये. यदि यह चुनाव एक साथ हुए होते, तो दोनों जगहों पर भाजपा हार जाती. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जैसी संस्था अब स्वतंत्र नहीं रह गयी है.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि लोकसभा के उपचुनाव को टुकड़ों में कराने के पीछे केंद्र सरकार की साजिश है, ताकि देश को यह नहीं पता चले कि पूरे देश में हो रहे उपचुनाव में भाजपा की हालत खराब है. उन्होंने केंद्रीय संस्थानों को बरबाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ खास लोगों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोग किया जा रहा है. यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करेंगे. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पार्टीछोड़नेका एलान करते हुए कहा कि आज मैं दलगत राजनीति से संन्यास ले रहा हूं. पार्टी पॉलिटिक्स से मेरा अब कोई लेना देना नहीं. मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं जाऊंगा. लोकतंत्र को बचाने के लिए देशभर में आंदोलन करूंगा.
यशवंत सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि पटना मेरा शहर है. आज से चार साल पहले ही मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास ले चुका हूं. मैंने चुनावी राजनीति से खुद को अलग कर लिया है. ऐसे में कुछ लोगों ने समझा कि मेरा दिल भी धड़कना बंद कर दिया है, लेकिन जब देश की बात आयेगी तो मैं बढ़ चढ़कर भाग लूंगा. देश के सवाल पर ही मैंने राष्ट्र मंच का निर्माण किया है और ये मंच राजनीतिक मंच नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलहाल देश की हालात चिंताजनक है, ऐसे में अगर आज हम चुप रहे तो आनेवाले पीढ़ियां दोष देंगी. यशवंत ने कहा कि बिहार ने बड़े आंदोलन पैदा किये हैं. केंद्र सरकार पर यशवंत सिन्हा ने हमला करते हुए कहा कि संसद का बजट सत्र इतना छोटा कभी नहीं रहा है, लेकिन भारत सरकार ने नियोजित ढंग से संसद को नहीं चलने दिया.
यशवंतसिन्हा ने भाजपा से अपने आपको अलग करने की घोषणा करते हुए कहा कि वह पार्टी से अपने संबंध का संधिविच्छेद करते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गुजरात चुनाव के कारण सत्र को छोटा कर दिया गया. सत्र नहीं चलने से सरकार बहुत खुश थी. सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव के कारण सदन नहीं चलने दिया. उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कई कार्यक्रमों पर सवाल खड़े किये. यशवंत सिन्हा के राष्ट्रमंच पर आने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने उनकी सराहना की, वहीं भाजपा ने अपने ही पार्टी के खिलाफ ऐसी बात करने वाले को अनुशासनहीन करार दिया.
इस कार्यक्रम में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा मौजूद हैं. कार्यक्रम में गैर भाजपा दलों को आमंत्रित किया गया था और कमोवेश सभी लोग उनके बुलावे पर पहुंच गये हैं. इससे पूर्व भी शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी पर लगातार हमला बोलते रहे हैं और अब यशवंत सिन्हा ने बकायदा केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए एक फोरम ही बना डाला है. कहा जा रहा है कि यशवंत सिन्हा के इस कदम का प्रभाव दो हजार उन्नीस के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा.
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