पटना एयरपोर्ट एक साथ तीन तरह से आग बुझा सकता है रोजेनबर्ग पैंथर

पटना : पटना एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक फायर ब्रिगेड इस्तेमाल हो रहा है. रोजेनबर्ग पैंथर नामक यह ब्रिगेड एक साथ तीन तरह से आग को बुझाने में समर्थ है. इसके अलग-अलग चेंबर मेंं पानी, फोम और डीसीपी (ड्राई केमिकल पाउडर) तीनों लोड रहते हैं, जिनका जरूरत के अनुसार इस्तेमाल हो सकता है. इसकी लोडिंग क्षमता 11,360 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2018 4:15 AM

पटना : पटना एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक फायर ब्रिगेड इस्तेमाल हो रहा है. रोजेनबर्ग पैंथर नामक यह ब्रिगेड एक साथ तीन तरह से आग को बुझाने में समर्थ है. इसके अलग-अलग चेंबर मेंं पानी, फोम और डीसीपी (ड्राई केमिकल पाउडर) तीनों लोड रहते हैं, जिनका जरूरत के अनुसार इस्तेमाल हो सकता है. इसकी लोडिंग क्षमता 11,360 लीटर द्रव और 150 किलो ठोस संग्रहण की है, जो सामान्य फायर ब्रिगेड की तुलना में तीन गुनी है. ऐसे दो फायर ब्रिगेड पटना एयरपोर्ट पर 24 घंटे रहते हैं, जबकि कम क्षमता का एक फायर ब्रिगेड स्टैंड बाई मोड में खड़ा रहता है.

5000
लीटर
का करता है छिड़काव एक
मिनट में (दो मिनट रिस्पॉन्स टाइम)
85
मीटर
दूर से ही आग को किया जा सकता है काबू
05 सेकेंड
में 100 किमी/घंटे
से अधिक का पिकअप
ड्राई केमिकल पाउडर के
स्प्रे का भी प्रयोग
दो मिनट में आग पर काबू
रोजेनबर्ग पैंथर का रिस्पांस टाइम केवल दो मिनट का है. इसका नोजल प्रति मिनट 5,000 लीटर की दर से आग पर छिड़काव करता है और दो मिनट के भीतर ही अपनी पूरी टंकी आग में उड़ेलने और अलग-अलग प्रकार के अग्निशामक माध्यमों का इस्तेमाल कर उस पर काबू पाने में सक्षम है. इसके स्प्रे की धारा 85 मीटर दूर तक जाती है. इस वजह से विमान दुर्घटना के बाद भयानक आग लगने की स्थिति में भी उससे सुरक्षित दूरी बनाये रखते हुए फायर ब्रिगेड के कर्मी उसको बुझाने में सक्षम होते हैं.
रोजेनबर्ग में एक विशेष चेंबर केमिकल स्टोर रहता है, जिसमें दो केमिकल यूरिया और पोटाशियम बाइकार्बोनेट का ड्राई मिक्सचर स्टोर किया जाता है. टायर फटने व एक्सिल रगड़ाने की स्थिति में लैंडिंग गेयर तप कर लाल हो जाता है और इससे चिंगारी निकलने लगती है. जल्द काबू नहीं पाने की स्थिति में इसके विमान की बॉडी और फ्यूल टैंक तक पहु्ंचने और भयानक रूप लेने की आशंका रहती है. इससे निबटने के लिए डीसीपी स्प्रे का इस्तेमाल होता है. रोजेनबर्ग के डिस्पोज नाेजल से 2.5 केजी प्रति सेकेंड के हिसाब से मेटलिक प्वाइंट पर डाला जाता है और एक मिनट में ठंडा कर दिया जाता है.
फ्यूल की आग से निबटने में सक्षम
रोजेनबर्ग पैंथर आस्ट्रिया में निर्मित है और यूरोप
व अमेरिका के ज्यादातर बड़े एयरपोर्ट पर इन दिनों इसी का इस्तेमाल हो रहा है. सामान्य आग के साथ-साथ यह फ्यूल से लगी आग से निबटने में भी सक्षम है. इस फायर ब्रिगेड में सबसे बड़ा चेंबर 10,000 लीटर का होता है, जिसमें पानी भरा होता है. उससे छोटा चेंबर 1,360 लीटर का होता है, जिसमें फोम भरा होता है. विमान में आग लगने की वजह कोई भी हो, भयानक रूप वह तब ही लेता है, जब ईंधन टैंक में मौजूद एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) रिस कर उसमें मिल जाता है. ऐसे आग पर केवल पानी डालने का अधिक असर नहीं होता क्योंकि पानी से हल्की होने की वजह से एटीएफ उसके ऊपर तैरने लगती है और आग जलती रहती है. ऐसी आग को बुझाने के लिए रोजेनबर्ग पैंथर पानी में फोम मिश्रित करके छिड़काव करता है.
फोम की मात्रा प्रति 100 लीटर में तीन से आठ लीटर के बीच होती है और यह आग में मौजूद ईंधन की मात्रा के अनुसार घटायी या बढ़ायी जाती है. आग के ऊपर घना आवरण बना कर फोम उसका संबंध आसपास की हवा से काट देता है और ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से आग बुझ जाती है.

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