फुलवारीशरीफ: छह वर्षो से जमीन नहीं मिलने से फुलवारीशरीफ में अग्नशमन विभाग को अपना भवन मयस्सर नहीं हो सका है. छह साल पहले यहां अग्निशमन विभाग का कार्यालय तो खोल दिया गया , लेकिन इसे जमीन मुहैया नहीं करायी गयी . ऐसे में यहां पदस्थापित पदाधिकारी व कर्मचारी फुलवारीशरीफ थाने की बैरक में रह कर अपने कार्य का निर्वाह कर रहे हैं.
फुलवारीशरीफ में वर्तमान में एक यूनिट ही काम कर रहा है. इसके लिए तीन फायर ब्रिगेड स्टाफ और तीन गृहरक्षकों को लगाया गया है . यहां के अधिकारियों की मानें, तो फुलवारीशरीफ व नौबतपुर के कुछ इलाकों के साथ बेऊर के इलाकों की आग बुझाने की जिम्मेदारी इन पर है. इन इलाकों की आबादी दो लाख से भी अधिक बतायी जाती है . ऐसे में एक यूनिट ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की मानें, तो यहां के लिए कम-से-कम दो यूनिटों के अलावा 15 स्टाफ और दो पदाधिकारियों की आवश्यकता है . विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यहां फायर सबस्टेशन के लिए जमीन की मांग की गयी थी . नगर पर्षद से लेकर प्रखंड स्तर के अलावा जिलाधिकारी तक पत्रचार किया गया , लेकिन इसके बाद भी अब तक जमीन नहीं मिल सकी .
थाने में लगती है गाड़ी
ऐसी स्थिति में थाने में ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी को लगाना पड़ता है . इतना ही नहीं यहां के सप्लाइ पाइप में कहीं पर भी हाइडेंट नहीं लगा है . हाइडेंट को लेकर पानी भरने में अग्निशमन गाड़ी को काफी परेशानी होती है. यहां पानी सप्लाइ के लिए चार बोरिंग हैं, अगर किसी सप्लाइ पाइप में हाइडेंट लगा दिया जाता , तो अग्निशमन गाड़ी को पानी लाने आठ किलोमीटर नहीं जाना पड़ेगा . हाइडेंट लगाने के लिए भी कई बार विभाग को कहा गया है, पर स्थिति यथावत है. ऐसी स्थिति में अग्निशमन गाड़ी को आग बुझाने के लिए पानी लाने आठ किलोमीटर दूर सचिवालय जाना पड़ता है. इतनी दूरी से पानी लाने और फिर घटनास्थल पर पहुंचने में काफी देर हो जाती है