रजिस्ट्री ऑफिस में शिफ्ट होगा खाता-खतियान का रिकॉर्ड रूम

छज्जुबाग में 49 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है भवन पटना : छज्जूबाग स्थित जिला निबंधन कार्यालय में अब जल्द ही 221 वर्ष पुराने दस्तावेजों को देख सकेंगे. इसके लिए अब लोगों को गांधी मैदान का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. जमीन संबंधी खाता खतियानों संबंधी जरूरी दस्तावेजों को देखने के लिए लोगों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2018 3:16 AM

छज्जुबाग में 49 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है भवन

पटना : छज्जूबाग स्थित जिला निबंधन कार्यालय में अब जल्द ही 221 वर्ष पुराने दस्तावेजों को देख सकेंगे. इसके लिए अब लोगों को गांधी मैदान का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. जमीन संबंधी खाता खतियानों संबंधी जरूरी दस्तावेजों को देखने के लिए लोगों को निबंधन कार्यालय में ही सुविधा मिलेगी. पूरा रिकॉर्ड एक ही कार्यालय में देखने का मिलेगा.
इसके लिए छज्जूबाग स्थित रजिस्ट्री ऑफिस के परिसर में 2600 वर्ग फुट एरिया में दो मंजिला भवन बन कर तैयार हो गया है. विभाग की ओर से 49 लाख रुपये निर्गत किया गया था. भवन निर्माण व योजना एवं विकास विभाग के लोकल एरिया इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन (एलएईओ) द्वारा भवन का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. हालांकि अभी एलएईओ द्वारा रजिस्ट्री ऑफिस को भवन को हैंड ओवर नहीं किया गया है. भवन में फाइनल टच व रैक बनाने का कार्य किया जा रहा है. इससे पूर्व एलएईओ द्वारा ही निबंधन कार्यालय को 69 लाख रुपये की लागत से कॉरपोरेट लुक दिया गया है.
बीते एक वर्ष पहले गांधी मैदान स्थित रजिस्ट्री कार्यालय छज्जूबाग शिफ्ट कर लिया गया था, पर भवन के अभाव में रिकॉर्ड रूम का काम पुराने कार्यालय से ही किया जा रहा है. कार्य के लिए अब भी पांच कर्मचारी गांधी मैदान स्थित कार्यालय में काम कर रहे हैं.
रखरखाव के अभाव में हो रहे खराब
गांधी मैदान स्थित निबंधन कार्यालय में जगह का काफी अभाव है. गठ्ठर में पड़े लगभग 221 वर्षों के कीमती दस्तावेजों को या तो दीमक चाट रहे हैं. या यूं ही पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं. इनके रखने की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने से बरसात में इनकी स्थिति और भी बुरी हो जाती है. इन कीमती दस्तावेजों पर पानी पड़ने से ये लगातार
सड़-गल रहे हैं.
बरसात से पहले हो जायेगा शिफ्ट
रिकॉर्ड रूम के लिए दो मंजिला भवन बन कर तैयार है. भवन को फिनिशिंग टच दिया जा रहा है. बरसात से पहले इसमें शिफ्ट कर लिया जायेगा.
-सत्येंद्र नारायण चौधरी, जिला अवर निबंधक

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