पटना: फतुहा में एक करोड़ की लूट मामले में पुलिस को अवैध शस्त्र व लाइसेंस के गोरखधंधे की भी जानकारी मिल रही है. गार्ड संजय व मुन्ना के पास मिले शस्त्र लाइसेंस पहले ही फर्जी हो चुके है. एक ने यूपी के बलिया से और दूसरे ने जम्मू-कश्मीर से लाइसेंस लेने की बात को स्वीकार किया था. एक ने पूछताछ के बाद गुरुवार को स्वीकार कर लिया कि उसने यूपी के बलिया के एक गन शॉप से हथियार व लाइसेंस लिये थे.
उसे हथियार खरीदने के बाद हथियार विक्रेता ने ही लाइसेंस उपलब्ध करा दिया था. पुलिस को जैसे ही इस बात की जानकारी हुई तो उनके कान खड़े हो गये. इसका साफ अर्थ यह है कि विक्रेता अपने गन को बेचने के लिए फर्जी लाइसेंस भी उपलब्ध करा रहा है. इसके तुरंत बाद ही पटना पुलिस ने इस संबंध में यूपी पुलिस को जानकारी दी और दुकानदार से पूछताछ कर मामले की तह में जाने का निर्देश दिया. दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के लाइसेंस के संबंध में अभी पुलिस को जानकारी नहीं मिली है कि वह लाइसेंस कहां से लाया गया है? जिसके कारण अब यह स्पष्ट हो चुका है कि एक गार्ड जरूर जेल जायेगा. सिटी एसपी जयंतकांत ने बताया कि पटना पुलिस की एक टीम जल्द ही बलिया रवाना होगी.
सभी से हो रही पूछताछ : चालक मुन्ना, गार्ड संजय, राजकुमार व कस्टोडियन दीपक कुमार से पटना पुलिस पूछताछ करने में लगी है. कल तक वे सभी फतुहा थाने में थे. लेकिन फिर पटना पुलिस उन सभी को पूछताछ करने के लिए पटना ले आयी है और एक गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है. गुरुवार को एसएसपी मनु महाराज व सिटी एसपी जयंतकांत ने घंटों पूछताछ की. हालांकि उन लोगों से फिलहाल उस गिरोह की जानकारी हासिल नहीं हो पायी है, जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है.
नहीं सौंपी है हथियारों व सिक्यूरिटी एजेंसी की लिस्ट : फरवरी माह में फर्जी लाइसेंस पर बैंकों की सिक्यूरिटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों के होने की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी मनु महाराज ने तमाम बैंकों के सुरक्षाकर्मियों का सत्यापन कराया था. सभी थानाध्यक्षों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में स्थित सिक्यूरिटी एजेंसियों की लिस्ट बनाने व सुरक्षाकर्मियों का शस्त्र व चरित्र सत्यापन का निर्देश दिया था. हालांकि अभी थाना पुलिस से एसएसपी कार्यालय को किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं मिली है. पुलिस ने मछुआ टोली स्थित यूनियन बैंक के बाहर व अंदर लगे सीसीटीवी कैमरा के वीडियो फुटेज को खंगाला. लेकिन उसमें फिलहाल किसी संदिग्ध की तसवीर हाथ नहीं लगी है. पुलिस को शक है कि पैसे ले जाने की सूचना एक दिन पहले ही लीक हुई है या फिर कैश वैन में सवार लोगों का हाथ है.