केवल इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की ही मिलेगी मंजूरी

अमित कुमार पटना : नेशनल काउंसिल ऑफ फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को प्रोमोट करना शुरू कर दिया है. इसके तहत एनसीटीई ने नयी गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत एनसीटीई ने फिलहाल नये बीएड कॉलेज खोलने पर रोक लगा रखी है. वहीं, अब किसी भी कॉलेज को बीएड की स्वीकृति नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2018 8:46 AM
अमित कुमार
पटना : नेशनल काउंसिल ऑफ फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को प्रोमोट करना शुरू कर दिया है. इसके तहत एनसीटीई ने नयी गाइडलाइन जारी की है.
इसके तहत एनसीटीई ने फिलहाल नये बीएड कॉलेज खोलने पर रोक लगा रखी है. वहीं, अब किसी भी कॉलेज को बीएड की स्वीकृति नहीं दे रही है. सत्र 2017 से ही यह रोक लगी है. हालांकि, अब एनसीटीई फिर से सत्र 2019 में आवेदन लेनेवाली है, लेकिन जानकारी के अनुसार अब एनसीटीई सिर्फ इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को ही स्वीकृति देगी.
इंटर के बाद स्नातक के साथ-साथ होगा इंटीग्रेटेड बीएड
इसके तहत इंटर के बाद स्नातक के किसी भी स्ट्रीम (ऑनर्स) के साथ बीएड कोर्स किया जा सकेगा. यह वैसे ही है जैसे इंटर के बाद कोई एमबीबीएस में नामांकन लेता है. मतलब जिन छात्रों को टीचिंग में रुचि है, वे इंटर के बाद स्नातक के दौरान ही बीएड की पढ़ाई करके इंटीग्रेटेड डिग्री ले सकेंगे. बीए-बीएड, बीएससी-बीएड, बीकॉम-बीएड इस तरह से कोर्स छात्र तीनों ही स्ट्रीम में कर पायेंगे. ये कोर्स चार साल के होंगे. अभी तीन साल का स्नातक और फिर दो वर्ष का बीएड होता है. यानी कुल पांच वर्ष छात्रों को लग जाते हैं. इससे एक और फायदा यह होगा कि जिस विषय से छात्र ऑनर्स कर रहे हैं, उसमें शुरू से ही टीचिंग स्किल सीख पायेंगे जिसका उनको कैरियर में फायदा होगा. वहीं, छात्र पहले से ही डिसाइडेड रहेंगे.
बीएड कोर्स पर से कम होगी निर्भरता
पुराने बीएड कोर्स पर से भी निर्भरता काफी कम होगी. अभी बीएड कोर्स करने के लिए जो मारा-मारी चलती है वह कम हो जायेगी. छात्रों के लिए अधिक आॅप्शन होंगे.
फिलहाल पुराने बीएड कोर्स भी चलते रहेंगे. लेकिन, सूत्र बताते हैं धीरे-धीरे एनसीटीई पूरी तरह से इंटीग्रेटेड कोर्स को लागू कर देगी और सामान्य बीएड नहीं होंगे. हालांकि इसको लेकर अभी एनसीटीई का कोई गाइडलाइन नहीं है. लेकिन, एनसीटीई इंटीग्रेटेड बीएड को बढ़ावा देने की पूरी तैयारी कर चुकी है. 2020 से इसका असर दिखने भी लगेगा. यहां यह भी कयास लगाये जा रहे हैं कि सभी बीएड काॅलेजों को भी इंटीग्रेटेड कोर्स साथ में चलाने को बाध्य किया जा सकता है. या फिर उन्हें पुराने बीएड को ही इसमें कन्वर्ट कराया जा सकता है.
सामान्य कॉलेजों में भी पढ़ाई
जो कॉलेज अभी तक सिर्फ बीए, बीएससी और बीकॉम की पढ़ाई करा रहे थे उन्हें भी अब इंटीग्रेटेड बीएड चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. यानी सामान्य काॅलेजों में भी इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स चलेंगे, जो अब तक सिर्फ बीए, बीएससी या बी-कॉम पढ़ा रहे थे, जो शुद्ध रूप से सिर्फ बीएड का ही कोर्स चलाते हैं उन्हें थोड़ी परेशानी हो सकती है. क्योंकि, फिर उन्हें स्नातक की पढ़ाई भी शुरू करनी पड़ सकती है. हालांकि, ये सब बातें भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन फिलहाल इतना जरूर है कि एनसीटीई देश भर में अब इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स का फैलाव करना चाहती है जिससे छात्रों को अधिक
फायदा हो.
एनसीटीई ने ऐसे प्रावधान किये हैं जिसमें 2019 से अब सिर्फ इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को ही स्वीकृति दी जानी है. इससे अन्य कॉलेज जहां बीएड की पढ़ाई अब तक नहीं होती, वहां भी छात्रों के लिए इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स करने का आॅप्शन आ जायेगा
डॉ ध्रुव कुमार, एचओडी, नालंदा बीएड कॉलेज, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी
जो सामान्य कॉलेज हैं उन्हें इंटीग्रेटेड शुरू करने में कम दिक्कत आयेगी, लेकिन जो बीएड कॉलेज हैं उन्हें स्नातक कोर्स साथ चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
डाॅ कुमार संजीव, प्रदेश अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर्स एजुकेटर्स

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