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बिहार : लालू व भाजपा की सियासत में मोहरा बन गये रिम्स और एम्स

पटना : चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को जिस बात का डर था वह होता दिख रहा है. एम्स, दिल्ली द्वारा उनको स्वस्थ करार देकर रांची के रिम्स भेज दिया गया. इधर, रिम्स ने भी बुधवार को यह जानकारी दी कि लालू की सेहत में सुधार हो रहा है. लालू […]

पटना : चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को जिस बात का डर था वह होता दिख रहा है. एम्स, दिल्ली द्वारा उनको स्वस्थ करार देकर रांची के रिम्स भेज दिया गया.
इधर, रिम्स ने भी बुधवार को यह जानकारी दी कि लालू की सेहत में सुधार हो रहा है. लालू की प्रोविजनल बेल पर चार मई को सुनवाई होगी. लालू ने मेडिकल ग्राउंड पर ही बेल मांगी है. राजद को चिंता है कि रिम्स और एम्स की ताजा रिपोर्ट लालू की बेल में कहीं बाधा न डाल दे. वहीं, भाजपा का कहना है कि लालू प्रसाद खुद को स्वस्थ तो रखना चाहते हैं लेकिन जमानत मिलने तक अस्पताल में ही रहना चाहते हैं.
वे भलीभांति जानते हैं कि अस्पताल से डिस्चार्ज का मतलब है कि जेल में शिफ्ट होना. इस कारण से वह डाॅक्टरों को सहयोग नहीं कर रहे हैं.
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने प्रभात खबर को बताया कि लालू प्रसाद को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद तीन घंटे के अंदर रांची भेज दिया गया. एम्स ने दो कारण से लालू प्रसाद को रिम्स भेजा, पहला कारण था कि राहुल गांधी और अन्य कद्दावर नेताओं का उनसे मिलना और दूसरा कारण था उनकी बेल में बाधा डालना. लालू प्रसाद मेडिकल ग्राउंड पर प्रोविजनल बेल मांग रहे थे. बेल पिटीशन पर चार मई को सुनवाई होनी है. प्रधानमंत्री ने एम्स के जरिये लालू को तुरत-फुरत में इसलिए डिस्चार्ज करा दिया ताकि कोर्ट को बताया जा सके कि वह मेडिकली फिट हैं और उनको प्रोविजनल बेल की जरूरत नहीं है.
डाॅक्टरों को सहयोग नहीं कर रहे राजद सुप्रीमो : भाजपा
भाजपा के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लालू प्रसाद दिल्ली गये ही इसलिए थे कि एम्स में उपचार के दौरान अपने सियासी दोस्तों से मिलेंगे और अपना ‘वक्त’ बदल देंगे. राहुल गांधी और लालू प्रसाद की मुलाकात को लेकर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट भी किया कि एक बेल पर, दूसरा जेल में फिर भी इनकी हिम्मत है जो कहते हैं कि हम डटे हैं जंगे भ्रष्टाचार के खेल में. बिहार की जनता दूर से देख रही है लालू प्रसाद भाजपा पर तो भाजपा राजद सुप्रीमो पर ‘सियासी बंदूक’ चला रहे हैं. खास बात यह है कि बंदूक एम्स और रिम्स जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों के कंधे पर रखकर चलाये जा रहे हैं.
ऐसे बढ़ा सियासी तापमान : लालू प्रसाद करीब 34 दिन एम्स में भर्ती रहे. इस बीच एम्स के प्राइवेट वार्ड का कमरा नंबर 101 उपचार से अधिक सियासत के लिए चर्चित रहा. लालू से सबसे पहले 29 मार्च को केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मुलाकात की थी. कुशवाहा को सफाई तक देनी पड़ी. 25 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे राजद सुप्रीमो से मिले. उनका कहना था कि वह अस्पताल के निरीक्षण पर थे तभी लालू प्रसाद को देखा था.
रिम्स के मेडिकल बोर्ड पर सवाल
राजद ने रिम्स के उपचार पर सवाल खड़े कर दिये हैं. राजद नेता शिवानंद तिवारी का कहना है कि रिम्स के निदेशक ने बयान दिया है, लालू के स्वास्थ्य में सुधार है. उनके उपचार के लिए पांच डॉक्टरों की टीम बनायी गयी है.
यह टीम एम्स के निर्देश में उपचार करेगी. राजद का कहना है कि इसका मतलब है कि रिम्स रांची में भी एम्स वाला ही इलाज किया जा रहा है तो फिर उनको एम्स से डिस्चार्ज ही क्यों किया गया. विधायक शक्ति सिंह का कहना है कि बीमार मरीज को जब हायर सेंटर रेफर किया जाता है तो वहां से स्वस्थ होने पर ही डिस्चार्ज किया जाता है. लालू जी को पूरा उपचार दिये बिना ही हायर सेंटर ने उसी अस्पताल भेज दिया जहां से रेफर किया गया था.

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