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बिहार : डॉल्फिन को तंग नहीं करेंगे, तब कायम रहेगी गंगा की निर्मलता : नीतीश कुमार
पटना सिटी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गंगा का प्रवाह अविरल व निर्मल हो. इस दिशा में कार्य करना होगा. गंगा में सिल्ट की वजह से प्रवाह बाधित हो रहा है. डैम निर्माण से भी प्रवाह पर असर पड़ा है. मुख्यमंत्री गुरुवार की शाम भारतीय प्राणी सर्वेक्षण पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत […]
पटना सिटी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गंगा का प्रवाह अविरल व निर्मल हो. इस दिशा में कार्य करना होगा. गंगा में सिल्ट की वजह से प्रवाह बाधित हो रहा है.
डैम निर्माण से भी प्रवाह पर असर पड़ा है. मुख्यमंत्री गुरुवार की शाम भारतीय प्राणी सर्वेक्षण पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत गंगा डॉल्फिन संरक्षण के पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन कर रहे थे.
सीएम ने कहा कि गंगा नदी में सिल्टेशन की समस्या सिल्ट हटा कर नहीं , बल्कि आवश्यक है कि नदी में पानी का प्रवाह पचास फीसदी तक बढ़ाने के साथ फरक्का बांध पर पुनर्विचार करना होगा. बिहार में गुजरने वाली गंगा में गंडक, कोसी, सोन व महानंदा समेत अन्य नदियों का पानी मिलता है.
सीएम ने गंगा की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि वे बचपन में बख्तियारपुर में ही गंगा में स्नान को जाते थे, उस समय गंगा का पानी नहा कर पीने के लिए लाते थे. आज गंगा की क्या स्थिति है. इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे गंगा तट पर घूमने व बैठने आते थे. आज ऐसा हो पायेगा.सीएम ने कहा कि गंगा को सिल्ट से निजात दिलाने के लिए नेशनल सिल्ट मैनेजमेंट को नेशनल सिल्ट पॉलिसी बनाने व गंगा किनारे ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए जैविक कॉरिडोर बनाया गया है. गंगा की स्थिति जानने के लिए डॉल्फिन के बारे में जानना आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की बागडोर संभालने के बाद हरित आवरण का सर्वे कराया, जो नौ प्रतिशत से कम था, उसके बाद वर्ष 2017 तक 17 प्रतिशत हरित आवरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया. अब प्रदेश में हरित आवरण पंद्रह फीसदी हो गया है. सीएम ने कहा कि गंगा नदी पर पटना सिटी के सुल्तानगंज के पास पुल बन रहा है.
जहां से लोग डॉल्फिन को देख सकेंगे, क्योंकि बिहार में डॉल्फिन की संख्या सबसे अधिक है. लोग डॉल्फिन को तंग नहीं करेंगे, तब गंगा की निर्मलता कायम रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता व निर्मलता को कायम रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी गठन किया गया. हमने उस बैठक में डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने का सुझाव दिया था.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह को कहा कि विश्वविद्यालय में लंबित डॉल्फिन शोध संस्थान के कार्य को दो माह के अंदर पूरा कराएं, नहीं तो इसे भागलपुर भेज दिया जायेगा.
पैसे की कमी नहीं है. मुख्यमंत्री ने डॉल्फिन पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक डॉ आरके सिन्हा को केंद्रित करते हुए कहा कि कार्य नहीं हुआ, तो इनकी भी नहीं सुनेंगे. दो माह के अंदर जमीन उपलब्ध करा इसका शिलान्यास कराएं. मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार संयुक्त तौर पर जलीय जीव-जंतु के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है
उन्होंने डॉल्फिन संरक्षण के अभियान पर भी बल दिया. उपमुख्यमंत्री ने वहां लगायी गयी प्रदर्शनी को और बेहतर करने पर बल दिया.कार्यक्रम में उपस्थित झारखंड के मंत्री सरयू राय ने दामोदर नदी की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि नदी में कूड़ा- कर्कट गिराया जाता था, इसे रोका गया. सरयू राय ने भी गंगा में मोटर लांच व जहाज चलाने के दरम्यान इस बात के ख्याल रखने पर बल दिया कि जलीय जीव- जंतु प्रभावित नहीं हो. कार्यक्रम का संचालन समभूमि प्रादेशिक केंद्र के प्रभारी डॉ गोपाल शर्मा ने किया. आयोजन में आरके सिन्हा, अशोक कुमार घोष, डॉ कैलाश चंद्रा, डॉ के राज मोहना, वन व पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, सीएम सचिव अतीश चंद्रा, विशेष पदाधिकारी गोपाल सिंह आदि उपस्थित थे. आयोजन में सीएम सहित सभी अतिथियों ने पुस्तक ‘डॉल्फिन राजा’ का भी विमोचन किया गया. साथ ही लगायी गयी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.
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