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बिहार : बीएड में साइंस व कॉमर्स के छात्रों की घटी रुचि, पीयू में इन वोकेशनल कोर्स में लें एडमिशन

एनसीटीई साइंस-कॉमर्स के शिक्षकों को बढ़ावा देने के लिए उठा रही कदम साइंस व कॉमर्स से स्नातक सिर्फ 15% छात्र बीएड में लेते हैं नामांकन पटना : साइंस व कॉमर्स से स्नातक छात्रों में बीएड कोर्स में रुचि काफी कम होती जा रही है. इसके पीछे का मुख्य कारण है कि ये छात्र मेडिकल इंजीनियरिंग […]

एनसीटीई साइंस-कॉमर्स के शिक्षकों को बढ़ावा देने के लिए उठा रही कदम
साइंस व कॉमर्स से स्नातक सिर्फ 15% छात्र बीएड में लेते हैं नामांकन
पटना : साइंस व कॉमर्स से स्नातक छात्रों में बीएड कोर्स में रुचि काफी कम होती जा रही है. इसके पीछे का मुख्य कारण है कि ये छात्र मेडिकल इंजीनियरिंग की ओर अधिक ध्यान देते हैं. यही वजह है कि साइंस व कॉमर्स स्ट्रीम की कई सीटें खाली रह जाती हैं जबकि बीएड कोर्स में मुश्किल से सीटें खाली बचती हैं.
स्कूलों में साइंस पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी भी इसी वजह से हैं. दूसरे विषयों में जहां बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली हुई तो साइंस में शिक्षकों की अभी भी कमी है. साइंस शिक्षक अधिक इस पेशे में आयें इसके लिए एनसीटीई भी काम कर रहा है. इंटीग्रेटेड कोर्स उसी का एक पहलू है. इंटीग्रेटेड कोर्स के तहत साइंस व कॉमर्स स्ट्रीम के साथ-साथ बीएड की सुविधा दी जायेगी. जिससे छात्रों को एक साल अधिक समय देकर बीएड की इंटीग्रेटेड डिग्री मिल जायेगी. इससे शिक्षण में विज्ञान शिक्षकों की भागीदारी बढ़ेगी.
साइंस में रिसर्च कम
स्नातक के बाद साइंस में रिसर्च का काम भी काफी कम हो गया है. इसके पीछे भी मेडिकल, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, मैनेजमेंट आदि जल्दी से जॉब दिलाने वाले कोर्स हैं. ऐसे में रिसर्च कम हो रहे हैं. बिहार बोर्ड साइंस में आगे पढ़ाई व रिसर्च करने के लिए योजना भी चल रही है.
ताकि वैज्ञानिक या फिर शिक्षण के पेशे में लोग साइंस विषय में आयें. कुल मिलाकर निचले पायदान के शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक अब विज्ञान शिक्षकों की काफी कमी आइ है. अब तक साधारण बीएससी भी करने के बजाये छात्र वोकेशनल कोर्स करना या फिर इंजीनियरिंग मेडिकल ही अधिक करना चाहते हैं. उसी तरह कॉमर्स के छात्र ज्यादातर मैनेजमेंट्स, अकाउंटस, सीए, एचआर आदि में ज्यादा जाना चाहते हैं. नालंदा कॉलेज में बीएड के विभागाध्यक्ष डॉ. ध्रुव कुमार ने बताया कि
साइंस स्ट्रीम से कम ही छात्र बीएड करने आते हैं. रेशियो देखा जाये तो सिर्फ पंद्रह प्रतिशत ही बच्चे बीएससी व बीकॉम से आते हैं. ज्यादातर छात्र बीए के ही होते हैं. शिक्षण में योग्य साइंस व कॉमर्स शिक्षकों का आना काफी जरूरी है.
पीयू में वोकेशनल कोर्स में लें एडमिशन
पटना. पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में विभिन्न वोकेशनल कोर्स में एडमिशन के ऑनलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं. इस बार फॉर्म भरने की प्रक्रिया बद गयी है. इस बार विभिन्न कॉलेजों के वोकेशनल कोर्स के लिए सेंट्रलाइज्ड फॉर्म भरने की प्रक्रिया पीयू के वेबसाइट पर जा कर पूरी कर सकते हैं. फॉर्म 14 मई तक भर सकते हैं. पीयू के वेब पोर्टल के माध्यम से पीयू के किसी भी कॉलेजों के लिए आ‌ेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए यूनिवर्सिटी के वेबसाइट को बैंक से जोड़ा गया है और पेमेंट ऑप्शन के लिए बैंक वेबसाइट से क्रेडिट कार्ड, ई-चलान व नेट बैकिंग से शुल्क भुगतान कर सकते हैं.
कॉलेज अलग-अलग लेगा टेस्ट
विभिन्न कोर्स में एडमिशन के लिए कॉलेज अपना टेस्ट खुद आयोजित करेगा. पीयू प्रशासन केवल वोकेशनल कोर्स के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स का लिस्ट कॉलेज को दे देगा. वैसे टेस्ट की तिथि अलग-अलग कॉलेज के लिए अलग-अलग रखी जायेगी, ताकि किसी स्टूडेंट्स को परेशानी नहीं हो. क्योंकि स्टूडेंट्स एक से ज्यादा कॉलेज सलेक्ट कर रहे हैं. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद फॉर्म बाद में भी स्टूडेंट्स भर सकते हैं. सभी प्रक्रिया समाप्त करने के बाद फॉर्म का प्रिंट आउट निकाल कर जिन कॉलेज के लिए फॉर्म भरे हैं वहां डाक द्वारा फॉर्म भेजना होगा. एडमिट कार्ड स्टूडेंट्स को ऑनलाइन प्राप्त होगा.
कहां कितनी सीटें
पटना सायंस कॉलेज
कॉलेज सीटें
बॉयोटेक 30
बीसीए 30
इंवायरमेंट साइंस 30
पटना कॉलेज
बीसीए 30
बीबीए 60
बीएमसी 60
बीएन कॉलेज
बायोटेक 30
बीसीए 60
बीबीए 60
फंक्शनल इंगलिश 30
वाणिज्य महाविद्यालय
बीबीए 30
मगध महिला कॉलेज
बीबीए 60
बीसीए 80
बीएसडब्ल्यू 12
पीजीडीडब्ल्यूसी 26

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