पटना : मतदाताओं की दोहरी इंट्री पर लगेगी रोक

जल्द लागू होगा ईआरओ नेट समयबद्ध मतदाता पंजीकरण, मतदाता सूची शुद्धीकरण व बदलाव में मिलेगी मदद पटना : बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जल्द ही ईआरओ डॉट नेट सेवा लागू होगी. यह सेवा लागू होने पर मतदाता स्वयं ऑनलाइन मतदाता सूची में इंट्री, शुद्धीकरण या बदलाव कर सकेंगे. इतना ही नहीं इससे एक मतदाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2018 8:36 AM

जल्द लागू होगा ईआरओ नेट

समयबद्ध मतदाता पंजीकरण, मतदाता सूची शुद्धीकरण व बदलाव में मिलेगी मदद
पटना : बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जल्द ही ईआरओ डॉट नेट सेवा लागू होगी. यह सेवा लागू होने पर मतदाता स्वयं ऑनलाइन मतदाता सूची में इंट्री, शुद्धीकरण या बदलाव कर सकेंगे. इतना ही नहीं इससे एक मतदाता अगर दो विधानसभा क्षेत्र से मतदाता पहचान बनाता है तो उस पर भी रोक लगेगी.
खास बात होगी कि मतदाता की सुविधा को काम समयबद्ध तरीके से होगा. मतदाता सूची में इंट्री के लिए ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करते ही मतदाता के रजिस्टर्ड मोबाइल पर सेवा प्रदान करने की तारीख भेज दी जायेगी. निर्धारित तिथि के बाद मतदाता संशोधित पहचान पत्र को वेबसाइट से डाउनलोड कर सकेंगे. फिलहाल ईआरओ डॉट नेट सेवा देश के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग के आयुक्त के बिहार दौरे के बाद सूबे में इसको लागू करने का प्रयास तेज कर दिया गया है.
आठ मई से शुरू होगी ट्रेनिंग : राज्य निर्वाचन विभाग ने सभी निर्वाचक निबंधक पदाधिकारियों को इआरओ डॉट नेट का प्रशिक्षण देने की योजना तैयार कर ली है. आठ मई से 12 मई तक शिफ्ट वाइज निर्वाचन विभाग के मुख्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा. इसमें उनको ईआरओ डॉट नेट के न्यू वर्जन के संचालन व प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जायेगी.
दोहरी इंट्री पर भी लगेगी रोक: ईआरओ डॉट नेट ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर देश भर के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची ऑनलाइन उपलब्ध है. मतदाता अगर किसी एक विधानसभा क्षेत्र में रहते हुए दूसरे विधानसभा क्षेत्र में रजिस्टर्ड होना चाहेंगे तो ऐसा नहीं हो पायेगा. इससे दोहरी इंट्री पर भी रोक लगेगी. साथ ही ऑनलाइन शुद्धीकरण व बदलाव होने से मतदाताओं को कम समय व कम परेशानी में सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
फिलहाल अपडेशन में लगता लंबा वक्त
वर्तमान में मतदाता सूची के अपडेशन की लंबी प्रक्रिया है. इसके लिए बीएलओ नाम जोड़ने, हटाने व संशोधन के आवेदनों को इकट्ठा कर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) के पास जमा कराया जाता है. यहां पर वेंडर के माध्यम से डेटा को ईअारओ डॉट नेट पर अपलोड किया जाता है.
अंतिम दौर में निर्वाचन विभाग की स्वीकृति के बाद डेटा को सार्वजनिक कर दिया जाता है. इन सभी प्रक्रियाओं में काफी समय लग जाता है.कई बार नयी प्रणाली के माध्यम से बूथ स्तर पर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) भी खुद ही अपने स्मार्टफोन के माध्यम से डेटा अपडेट कर सकेंगे.

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